नई दिल्लीः स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद उनका जमकर विरोध हुआ था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि जबसे मैं समाजवादी पार्टी में सम्मिलित हुआ, लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की। सपा में शामिल होने के दिन ही मैंने नारा दिया था- पच्चासी तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि हमारे महापुरुषों ने भी इसी तरह की लाइन खींची थी। भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने बहुजन हिताय बहुजन सुखाय की बात की तो डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा कि सोशलिस्टो ने बांधी गांठ, पिछड़ा पावै सौ में साठ शहीद जगदेव बाबू कुशवाहा और राम स्वरूप वर्मा जी ने कहा था कि सौ में से नब्बे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है। इसी प्रकार सामाजिक परिवर्तन के महा-नायक काशीराम साहब का भी वही था नारा “85 बनाम 15 का।
स्वमी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी द्वारा लगातार इस नारे को निष्प्रभावी करने एवं वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सैकड़ों उम्मीदवारों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों के बदलने के बावजूद भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे, उसी का नतीजा था कि सपा के पास जहां 45 विधायक थे वहीं पर विधानसभा चुनाव 2022 के बाद यह संख्या 110 विधायकों की हो गई थी। बिना किसी मांग के आपने मुझे विधान परिषद में भेजा और ठीक इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाया, इस सम्मान के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
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