नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुकी समुदाय की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती और राज्य में हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह विशुद्ध रूप से कानून और […]
नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुकी समुदाय की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती और राज्य में हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह विशुद्ध रूप से कानून और व्यवस्था का मुद्दा है। इसलिए सुनवाई की अगली तारीख 3 जुलाई तय की गई है।
#ManipurViolence: Supreme Court (SC) declines urgent hearing of a plea filed by the Manipur Tribal Forum seeking protection of the Kuki tribe by the Indian Army.
SC posts the matter for hearing on July 3 & says it’s purely an issue of law & order.
Centre says security agencies… pic.twitter.com/KD7x2z9ySz
— ANI (@ANI) June 20, 2023
इससे पहले 16 जून को मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर देश के करीब 500 सामाजिक-राजनीतिक बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने पीएम से इस मामले पर चुप्पी तोड़ने और शांति-व्यवस्था बनाने के लिए ठोस पहल करने की मांग की थी। पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की स्थिति पर चुप्पी तोड़ें, इसके साथ ही इसकी जिम्मेदारी भी लें।
– अदालत की निगरानी में सभी तथ्यों की जांच के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए।
– मणिपुर सरकार राज्य में समुदायों के बीच बंटवारा करने वाले घावों को ठीक करने की कोशिश करे।
– हिंसा के सभी मामलों की जांच के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित हों।
– राज्य के जो भी लोग हिंसा की वजह से पलायन के लिए मजबूर हुए हैं उनकी सुरक्षित वापस लाया जाए।
– हिंसा में घायल होने वालों लोगों को आर्थिक मदद दी जाए। साथ ही उनके घर, अनाज, पशुधन आदि के नुकसान का मुआवजा दिया जाना चाहिए।