नई दिल्ली। अडानी- हिंडनबर्ग केस मामले को लेकर आज Supreme court ने एक एक्सपर्ट कमेटी गठन करने का आदेश दिया है। Supreme court द्वारा बनाई गई इस कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस ए एम सप्रे करेंगे। इतना ही नहीं Supreme court ने आदेश दिया है कि सेबी इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दे, अडानी – हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं के अलावा मौजूदा नियामक उपायों को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति पर Supreme court ने आज अपना फैसला सुनाना था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने 17 फरवरी को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Supreme court में 17 फरवरी को अडानी- हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई के दौरान सेबी की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल ने कमेटी के सदस्यों के नाम जजों को सुझाए थे। सॉलिसीटर जनरल ने कहा था कि हम चाहते हैं कि इस मामले में सच बाहर आए पर बाजार पर इसका असर न पड़े। किसी पूर्व जज को निगरानी का जिम्मा सौंपने पर कोर्ट को फैसला लेना चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा था कि आपने जो नाम सौंपे हैं, वह दूसरे पक्ष को ना दिए गए तो ये पारदर्शिता नहीं होगी। हम इस मामले में पूरी पारदर्शिता चाहते हैं इसलिए हम अपनी तरफ से कमेटी बनाएंगे। हम आदेश सुरक्षित रख रहे हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च के आने के बाद इस मामले में अब तक वकील एमएल शर्मा और विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने शीर्ष अदालत में चार जनहित याचिकाएं दायर की हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अदाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य में किए गए हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद शेयर बाजार में गिरावट आई थी। दूसरी तरफ अदाणी समूह ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज किया था।
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