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राज्य सरकारें नपुंसक हो गई हैं, जानिए हेट स्पीच को लेकर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रही हेट स्पीच की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा कोर्ट ने हेट स्पीच के मुख्य स्त्रोत को धर्म और राजनीति का गठजोड़ बताया कोर्ट ने कहा कि राजनेता सत्ता के लिए धर्म का इस्तेमाल करते है जो ऐसी घटनाओं को बढ़ाने […]

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राज्य सरकारें नपुंसक हो गई हैं, जानिए हेट स्पीच को लेकर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
  • March 30, 2023 9:41 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रही हेट स्पीच की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा कोर्ट ने हेट स्पीच के मुख्य स्त्रोत को धर्म और राजनीति का गठजोड़ बताया कोर्ट ने कहा कि राजनेता सत्ता के लिए धर्म का इस्तेमाल करते है जो ऐसी घटनाओं को बढ़ाने में मददगार होता हैं।

कोर्ट ने क्या कहा ?

जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि हेट स्पीच से निजात पाने के लिए धर्म को राजनीति से अलग करना होगा। देश में आपसी भाईचारे में दरारें आ गई हैं। जब तक राजनीति को धर्म से अलग नहीं किया जाएगा तब तक इस पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है। पीठ ने कहा कि राज्य समाज में हेट स्पीच के अपराध को कम करने के लिए किसी तरह के तंत्र का निर्माण क्यों नहीं करता ?

जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि पहले देश में भाईचारे का विचार बहुत अधिक था लोग एक-दूसरे से प्यार और मिलजुलकर  रहते थे। लेकिन अब मुझे यह कहते हुए खेद है कि इस भाईचारे में दरारें आ रही हैं। पीठ ने कहा कि इससहिष्णुता और बौद्धिकता की कमी से हम दुनिया में नंबर एक नहीं बन सकते, अगर आपको सुपर पावर बनना हैं, इसके लिए सबसे पहले कानून के शासन की जरूरत हैं।

कोर्ट ने कहा कि गो टू पाकिस्तान जैसे बयानों से नियमति रूप से नागरिक गरिमा को तोड़ा जाता है। अब हम कहां पहुंच गए हैं ? कभी हमारे पास नेहरू, वाजपेयी जैसे वक्ता हुआ करते थे, अब लोगों की भीड़ फालतू के तत्वों को सुनने के लिए आती है। न्यायालय ने कहा कि लोग समाज के सदस्यों को अपमानित न करने का संकल्प क्यों नहीं ले सकते ? राज्य नपुंसक, शक्तिहीन हो गए हैं और समय पर कार्य नहीं करते, अगर यह चुप हैं तो इन्हें एक राज्य क्यों होना चाहिए ?

28 अप्रैल को अगली सुनवाई

बता दें, सुप्रीम कोर्ट की पीठ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से शीर्ष अदालत के आदेशों के बाद भी हिंदू संगठनों द्वारा दिए जाए रहे नफरत भरे भाषणों को नियंत्रित करने में विफल रहने के कारणों को लेकर जवाब देने के लिए कहा है इसके अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।

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