पहलवानों के आंदोलन के बीच खेल मंत्रालय का फैसला, कुश्ती संघ के चुनाव पर लगाई गई रोक

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को पहलवानों ने एक फिर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पहलवानों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे धरने से पीछे हटने वाले नहीं है। इस धरने में बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ ही देश के कई नामचीन पहलवान शामिल हैं। उनका कहना है कि ढाई महीने बीत जाने के बाद भी कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस बीच खबर है कि युवा एवं खेल मंत्रालय ने अगले महीने होने वाले संघ के चुनावों में रोक लगा दी है।

चुनावों में लगी रोक

कुश्ती खिलाड़ियों के धरने के बीच खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के अगले महीने होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी है। बता दें, इस समय भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ही है जिनके विरोध में पहलवान आंदोलन कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पहलवान

वहीं विनेश फोगट और सात अन्य पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित सात महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच

भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। पहलवानों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है। उधर, धरने में शामिल पहलवान बजरंग पूनिया का कहना है कि पुलिस में शिकायत किए हुए 48 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई है।

जनवरी में भी दिया था धरना

बता दें कि इससे पहले जनवरी महीने में भी पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था। 18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच ये विवाद सबके सामने आया था, जब जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई दिग्गज पहलवान जुटे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। खेल मंत्रालय द्वारा जांच कमेटी गठित किए जाने के बाद उन्होंने अपना धरना खत्म किया था।

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