नई दिल्ली, भारत में एयरलाइंस में लगातार तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं, जिसके चलते विमानन नियामक डीजीसीए कई एयरलाइंस के साथ सख्ती भी बरत रहा है. इस बीच स्पाइसजेट की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार रात स्पाइसजेट की हैदराबाद-दिल्ली फ्लाइट से बड़ी संख्या में उतरे पैसेंजरों को दिल्ली […]
नई दिल्ली, भारत में एयरलाइंस में लगातार तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं, जिसके चलते विमानन नियामक डीजीसीए कई एयरलाइंस के साथ सख्ती भी बरत रहा है. इस बीच स्पाइसजेट की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार रात स्पाइसजेट की हैदराबाद-दिल्ली फ्लाइट से बड़ी संख्या में उतरे पैसेंजरों को दिल्ली एयरपोर्ट के टरमैक पर पैदल ही चलना पड़ा. दरअसल, एयरलाइन यात्रियों को टर्मिनल तक ले जाने के लिए करीब 45 मिनट तक बस मुहैया नहीं करा सकी जिसके चलते उन्हें पैदल ही टरमैक पर चलना पड़ा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना रविवार की है, फिलहाल DGCA इस मामले में जांच कर रहा है. हालांकि, स्पाइसजेट ने कहा कि कोचों के आने में थोड़ी देरी हुई, लेकिन जैसे ही बसें आईं, सभी यात्रियों को उसमें बैठाकर टर्मिनल बिल्डिंग तक ले जाया गया, किसी को कोई परेशानी नहीं हुई. इस संबंध में एयरलाइन ने कहा, “हमारे स्टाफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद कुछ यात्रियों ने टर्मिनल की ओर पैदल चलना शुरू कर दिया, बसों के आने तक वे मुश्किल से कुछ ही मीटर चले होंगे, लेकिन कुछ ही देर में बस आ गई और सभी को बस में बैठाकर टर्मिनल तक ले जाया गया.”
बता दें कि टरमैक एयरपोर्ट पर रनवे से साइड वाला क्षेत्र होता है, जिस पर यात्रियों को लाने के लिए बसों को ही चलने की इजाज़त होती है. इस पर यात्रियों के पैदल चलने की अनुमति नहीं है क्योंकि ये सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकता है. सिर्फ वाहनों के लिए ही टरमैक पर एक सीमांकित मार्ग है. इसलिए, एयरलाइंस यात्रियों को टर्मिनल से विमान तक ले जाने और वापस टर्मिनल तक लाने के लिए बसों का इस्तेमाल करती है.