नई दिल्ली, स्पाइसजेट विमानों में लगातार आ रहीं तकनीकी खराबियों के मद्देनजर DGCA ने बड़ा एक्शन लेते हुए 8 हफ्तों के लिए 50% उड़ानों पर रोक लगा दी है. इन आठ हफ्तों तक एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा, वहीं अगर एयरलाइन भविष्य में 50 फीसदी से ज्यादा उड़ाने चाहती है तो उसे ये […]
नई दिल्ली, स्पाइसजेट विमानों में लगातार आ रहीं तकनीकी खराबियों के मद्देनजर DGCA ने बड़ा एक्शन लेते हुए 8 हफ्तों के लिए 50% उड़ानों पर रोक लगा दी है. इन आठ हफ्तों तक एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा, वहीं अगर एयरलाइन भविष्य में 50 फीसदी से ज्यादा उड़ाने चाहती है तो उसे ये साबित करना होगा कि ये अतिरिक्त भार उठाने की क्षमता उसके पास है, पर्याप्त संसाधन और स्टाफ उसके पास मौजूद हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले DGCA ने स्पाइसजेट को एक नोटिस दिया था, एयरलाइन के विमानों में लगातार आ रही गड़बड़ी को देखते हुए ये नोटिस दिया गया था. हाल ही में सरकार ने भी राज्यसभा में जवाब देते हुए बताया कि DGCA ने स्पाइसजेट के विमानों की स्पॉट चेकिंग की थी और उस चेकिंग में कोई बड़ी खामी नज़र नहीं आई. लेकिन रिपोर्ट में DGCA ने इतना जरूर कहा था कि वर्तमान में एयरलाइन अपने 10 एयरक्रॉफ्ट सिर्फ तभी इस्तेमाल करे जब उसकी तमाम तरह की तकनीकी खराबी ठीक हो जाए.
गौरतलब है, स्पाइसजेट की उड़ानों में तकनीकी खराबी के चलते कई घटनाएं हुईं हैं, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में इस एयरलाइन का ऑपरेशन रोकने की मांग की गई थी. वकील राहुल भारद्वाज द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में इन घटनाओं की विस्तृत जांच करने के लिए एक कमीशन बनाने की भी मांग की थी, जो ये जांच करे कि स्पाइसजेट का संचालन ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, MoCA और DGCA के अधिकारियों ने एयरलाइन संचालन के संबंधित दो घंटे तक बैठक की थी. इस बैठक में सिविल एविएशन मिनिस्टर भी मौजूद थे, जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि DGCA द्वारा एयरलाइन कंपनियों को सुरक्षा निगरानी को सख्त और उसमें सुधार करने के संबंध में भी निर्देश दिए गए थे. DGCA ने कहा था कि एयरलाइन की क्षमता, विश्वनीयता और सख्त इंटरनेशनल सुरक्षा मानदंडों के बीच कोई समझौता नहीं किया जाएगा.