Advertisement

Adenovirus से पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों में सात बच्चों की मौत

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सांस के संक्रमण से सात बच्चों की मौत हो गई है। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने इस घटना की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में कोलकाता के सरकारी अस्पतालों में पांच और बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो बच्चों की मौत हुई है। जिन लोगों में […]

Advertisement
Adenovirus से पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों में सात बच्चों की मौत
  • March 2, 2023 8:23 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सांस के संक्रमण से सात बच्चों की मौत हो गई है। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने इस घटना की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में कोलकाता के सरकारी अस्पतालों में पांच और बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो बच्चों की मौत हुई है। जिन लोगों में Adenovirus के लक्षण थे, उनके नमूने परीक्षण के लिए भेज दिए गए हैं। लेकिन सभी मौतें Adenovirus के कारण नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि Adenovirus के कारण हुई मौतों की पुष्टि करने के लिए परीक्षणों के परिणामों में कुछ समय लगेगा।

Adenovirus को लेकर प्रशासन का बयान

वही राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने बुनियादी ढांचागत तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को डॉ बीसी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज का दौरा किया था और घोषणा की थी कि सीसीयू और जनरल वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। घटना पर प्रशासन ने कहा कि वह स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, और उसने 600 बाल रोग विशेषज्ञों के साथ 121 अस्पतालों में 5000 बिस्तर तैयार रखे है।

Adenovirus पर राज्य सरकार ने क्या कहा ?

राज्य सरकार ने कहा कि पिछले एक महीने में राज्य में Adenovirus के 5213 मामले सामने आए है। मौसमी बदलाव के कारण Adenovirus एक सामान्य वायरस है। फिलहाल वायरस के कारण महामारी जैसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। इसके अलावा वायरस को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगातार नजर बनाई हुई है। उन्होंने आपातकालीन बैठक की , जिसके बाद सरकार द्वारा कई निर्देश जारी किए और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर – 1800-313444-222 जारी किया गया है।

क्या है Adenovirus

Adenovirus एक श्वसन और आंत्र नलिका में संक्रमण का कारण बनता है। चिकित्सकों का कहना है कि दो साल से पांच साल के बच्चों को इस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।  पांच से 10 साल तक के बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, लेकिन उन्हें कम उम्र के बच्चों की तुलना में इसका खतरा कम होता है। चिकित्सकों ने कहा कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों के इस वायरस से संक्रमित होने का कम खतरा होता है। फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों का घर पर ही इलाज संभव है।

Advertisement