नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आप सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ तनाव काफी लंबे समय से चल रहा है. दिल्ली में लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधीत जिम्मेदारी राज्य सरकार के पास थी, लेकिन केंद्र ने इस पर अध्यादेश ला दिया. फिर दिल्ली की आप सरकार ने अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आप सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ तनाव काफी लंबे समय से चल रहा है. दिल्ली में लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधीत जिम्मेदारी राज्य सरकार के पास थी, लेकिन केंद्र ने इस पर अध्यादेश ला दिया. फिर दिल्ली की आप सरकार ने अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में लाए गए केंद्र के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. आज आप सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. इस सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और अध्यादेश को लेकर 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील पेश की. वकील ने अध्यादेश के खिलाफ रोक की मांग की. इसके बाद सीजेआई केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और इस मामले में विस्तार से सुनवाई करने के लिए 2 सप्ताह बाद सुनवाई करने की बात कही.
दिल्ली सरकार के मंत्री सिंघवी ने अपने दलील में कहा कि, नई व्यवस्था के कारण दो अधिकारी मिलकर सीएम की बात को काट सकते हैं, जिसके बाद मामला उपराज्यपाल के पास जाएगा, जो कि सुपर सीएम की भूमिका में हैं. ऐसे में इस पर रोक लगाना चाहिए. अध्यादेश के कारण दिल्ली में 471 लोगों को पद से हटा दिया गया है. इसमें से कुछ लोग ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालय से शिक्षित हैं. इस मामले में भी सुनवाई होनी चाहिए.
सिंघवी की सारी दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, 400 लोगों को नौकरी से निकालने वाले मामले में अगले सोमवार यानी 17 जुलाई को सुनवाई होगी. वहीं अध्यादेश वाले मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी.
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