छत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई की है, दरअसल, यहाँ ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को मनी लॉन्डरिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है, इसके साथ ही अब उन्हें कोर्ट में पेश भी किया जा रहा है. बीते साल जून […]
छत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई की है, दरअसल, यहाँ ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को मनी लॉन्डरिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है, इसके साथ ही अब उन्हें कोर्ट में पेश भी किया जा रहा है. बीते साल जून के महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने सौम्या के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. उस समय दावा किया जा रहा था कि इस छापेमारी में हवाला रैकेट से मिले 100 करोड़ रूपये बरामद हुए थे.
इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय ने पूरी प्लानिंग के तहत अक्टूबर में रायपुर के सयाजी होटल में डेरा जमाया था. उस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने होटल को ही अपना कैंप ऑफिस बना लिया था. तब प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कार्रवाई के बीच माइनिंग डायरेक्टर जेपी मौर्य को कैंप ऑफिस ले जाया गया था, इसके बाद चिप्स (छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी) के सीईओ समीर विश्नोई और उनकी पत्नी से भी प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की थी और साथ ही तब यह भी बताया गया था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया से भी पूछताछ की गई थी, और अब उन्हीं को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं पहले की कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय ने एक आईएएस अफसर के घर से चार करोड़ कैश, सोना और करोड़ों की ज्वैलरी बरामद की थी, हालांकि अफसर का नाम तब सामने नहीं लाया गया था और फिर शाम तक दिल्ली से ईडी के अन्य अफसर भी रायपुर पहुंचे थे, उस संबंध में तब बताया गया था कि CRPF के करीब 200 जवान और छत्तीसगढ़ पहुंचे थे, गौरतलब है, ईडी के टारगेट में कोयला और रेत का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा हैं.
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