नई दिल्ली: बैडमिंटन में भारतीय जोड़ी ने इंग्लैंड की जोड़ी को हराकर स्वर्ण पदक पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है। भारत के सात्विक-चिराग की जोड़ी ने यह मुकाबला 21-15, 21-13 के अंतर से जीता है। गोल्ड बॉय लक्ष्य सेन मैंस सिंगल्स बैडमिंटन के मुकाबले में लक्ष्य सेन ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इस मैच में […]
नई दिल्ली: बैडमिंटन में भारतीय जोड़ी ने इंग्लैंड की जोड़ी को हराकर स्वर्ण पदक पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है। भारत के सात्विक-चिराग की जोड़ी ने यह मुकाबला 21-15, 21-13 के अंतर से जीता है।
मैंस सिंगल्स बैडमिंटन के मुकाबले में लक्ष्य सेन ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इस मैच में उनका मुकाबले मलेशिया के यॉन्ग के साथ था, लेकिन उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 20वा स्वर्ण पदक भारत के नाम किया है।
पिछले छह महीने से शानदार फॉर्म में चल रहे सेन ने दिसंबर 2021 में विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद जनवरी में इंडिया ओपन सुपर 500 खिताब जीता और पिछले सप्ताह जर्मन ओपन में उपविजेता भी रहे। सेन ने छह साल पहले इंडिया इंटरनेशनल सीरिज में ली को भी हराया था। उन्होंने शानदार तकनीक और मानसिक दृढता का परिचय देते हुए इतिहास रचा है। दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के खेल को अच्छे से जानते हैं क्योंकि बेंगलुरू में 2016 में प्रकाश पादुकोण अकादमी में एक्सचेंज कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं।
भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में धमाकेदार प्रदर्शन कर देश को 19वां स्वर्ण दिला दिया है। उन्होंने सिंगल्स फाइनल मुकाबले में कनाडा की नंबर-13 मिशेल ली को लगातार दो गेम में करारी शिकस्त दी है, दुनिया की नंबर-7 शटलर पीवी सिंधु ने पहला गेम 21-15 से जीता था, पहले मुकाबले में मिशेल ने सिंधु को थोड़ी टक्कर दी थी, लेकिन दूसरे गेम में सिंधु ने उन्हें कोई मौका ही नहीं दिया। दूसरा मुकाबला भी भारत की स्टार शटलर ने 21-13 से जीत लिया। इसके साथ ही सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स में अपना यह पहला स्वर्ण जीता है।
सिंधु ने आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। दरअसल माता पिता दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी थे लेकिन सिंधु का लगाव बैडमिंटन की ओर था। वह पुलेला गोपीचंद की सफलता से प्रभावित थीं। पुलेला गोपीचंद ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन थे।
सिंधु ने बैडमिंटन की ट्रेनिंग सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में मेहबूब अली की देखरेख में शुरू की। बाद में पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया। कोचिंग कैंप सिंधु के घर से 56 किलोमीटर दूर था, लेकिन वह रोज समय पर ट्रेनिंग ग्राउंड में पहुंचती थीं।
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