नई दिल्ली: आज रूस और यूक्रेन के युद्ध को पूरा एक साल हो गया है. इस युद्ध में कई सैनिक शहीद हो गए हजारों लोगों की जान गई और सैंकड़ों परिवार बेघर हो गए. इस युद्ध में भी जीत और हार तय होने के बाद भी दोनों देशों ने बहुत कुछ खो दिया है. वैश्विक […]
नई दिल्ली: आज रूस और यूक्रेन के युद्ध को पूरा एक साल हो गया है. इस युद्ध में कई सैनिक शहीद हो गए हजारों लोगों की जान गई और सैंकड़ों परिवार बेघर हो गए. इस युद्ध में भी जीत और हार तय होने के बाद भी दोनों देशों ने बहुत कुछ खो दिया है. वैश्विक पटल पर रूस की छवि को भी भारी नुकसान पहुंचा है जहां रूस अपने से कई गुना छोटे देश को घुटने टेकने पर मजबूर नहीं कर पा रहा है. इसी कड़ी में रूस को एक और झटका लगा है जहां फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उसकी सदस्य्ता रद्द कर दी है.
FATF (Financial Action Task Force) suspends membership of Russia
Russian Federation’s actions unacceptably run counter to FATF core principles aiming to promote security, safety & integrity of global financial system. FATF has decided to suspend their membership: FATF statement pic.twitter.com/tHGHFwy0ug
— ANI (@ANI) February 24, 2023
FATF ने रूस की सदस्यता को यूक्रेन के खिलाफ ‘अवैध, अकारण और अनुचित’ युद्ध छेड़ने के लिए रद्द कर दिया है. शुक्रवार यानी रूस और यूक्रेन युद्ध की पहली सालगिराह पर एफएटीएफ ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी है। इस आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रूस की कार्रवाई अस्वीकार्य है और FATF के मूल सिद्धांतों के विपरीत है. एफएटीएफ का उद्देश्य वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखना है. दरअसल आज(24 फरवरी) को पेरिस में FATF की एक बैठक आयोजित की गई थी. इसी बैठक के बाद यह बयान जारी किया गया है.
इस बयान में कहा गया है कि यूक्रेन पर रूस के अवैध, अकारण और अनुचित फुल स्केल युद्ध को आज एक साल पूरा हो गया है। यूक्रेन के लोगों के प्रति FATF अपनी गहरी सहानुभूति को दोहराता है. इस हमले के कारण जीवन का भारी नुकसान और विनाश हुआ है जिसकी FATF कड़ी निंदा करता है. बयान में आगे कहा गया है कि रूस ने बुनियादी ढांचों को निशाना बनाकर अपने अमानवीय और क्रूर हमलों को तेज किया है इसलिए FATF ने रूसी संघ की सदस्यता को निलंबित करने का फैसला लिया है. क्योंकि उसकी कार्रवाई अस्वीकार्य है और एफएटीएफ के मूल सिद्धांतों के विपरीत है इसलिए यह फैसला लिया गया है.
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करते समय कहा था कि, उनका मकसद यूक्रेन पर कब्जा करने का नहीं बल्कि उसको डिमिलटराइज करने का है। उन्होंने इसे ‘सैन्य अभियान’ बताया था। पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करते वक्त कहा था कि, ” हमने बहुत कोशिश की। लेकिन सारी कोशिश नाकाम साबित हुई। रूस और यहां के लोगों की रक्षा के लिए उन्होंने हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है, सिवाय उस विकल्प के जिसका इस्तेमाल हम आज करने को मजबूर हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमें साहस के साथ तत्काल कार्रवाई करनी होगी। डोनबास के नागरिकों ने रूस से मदद की गुहार लगाई है। ”