Russia Wagner Group, Inkhabar। रूस की निजी सेना वैगनर के प्रमुख द्वारा मॉस्को की तरफ जा रहे अपने सैनिकों को रोकने के आदेश देने के बाद रूस में पैदा हुआ संकट फिलहाल खत्म हो गया है। इस बीच इस घटनाक्रम को लेकर कई बड़े खुलासे सामने आ रहे है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार अमेरिकी की खुफिया एजेंसी सीआईए को पहले से इस बात की जानकारी थी कि वैगनर प्रमुख येवेनी प्रिगोझिन अपने सैनिकों के साथ रूसी सरकार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाने की योजना बना रहा है । अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को ही वैगनर के हमले की जानकारी राष्ट्रपति जो बाइडेन को दी थी। इसके बाद गुरुवार को राष्ट्रपति के नेतृत्व में एक मीटिंग हुई जिसमें कांग्रेस नेताओं का एक ग्रुप भी शामिल हुआ था।
बता दें शुक्रवार की रात को ही येवेनी प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय पर वैगनर शिविर पर मिसाइल हमला करने का आरोप लगाया था, जिसकी जवाबी कार्रवाई करने की धमकी प्रिगोझिन ने दी थी। इसके कुछ घंटे बाद ही वैगनर सैनिकों ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में स्थित रूस की सैनिक छावनियों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद प्रिगोझिन ने अपने सैनिकों को मॉस्को की तरफ आगे बढ़ने का आदेश दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका के अधिकारियों की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस खतरे के बारे में अलर्ट करने की कोई योजना नहीं थी, उन्हें डर था कि पुतिन अमेरिका पर तख्तापलट करने का आरोप ना लगा दे।
इस विद्रोह को लेकर येवेनी प्रिगोझिन और अमेरिका के बीच एक सीक्रेट डील की भी बात सामने आई है। कभी पुतिन के खास रहे प्रिगोझिन ने अचानक रूस के खिलाफ इस मोर्चाे को नहीं खोला था, बल्कि इसके पीछे सोची-समझी साजिश थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिगोझिन की ओर से उठाए गए इस कदम के पीछे अमेरिका की तरफ से उन्हें बड़ी आर्थिक मदद दी गई थी।
अमेरिका ने फिलहाल वैगनर ग्रुप पर किसी तरह के प्रतिबंध लगाए जाने से मना कर दिया है। इससे पहले अमेरिका ने इस ग्रुप पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई थी। अमेरिका का आरोप था कि वैगनर के सैनिक अफ्रीकी देशों में सोने का खनन करके हो रही कमाई से रूस को युद्ध में मदद करने का काम कर रहे है, लेकिन पुतिन के खिलाफ हुए इस विद्रोह के बाद अमेरिका ने फिलहाल इस ग्रुप पर प्रतिबंध लगाने का अपना विचार टाल दिया है।
बता दें, फिलहाल रूस में खड़ा हुआ ये संकट टल गया है। बगावत के 12 घंटे के अंदर वैगनर ग्रुप ने सरकार के साथ समझौता कर लिया है। इसके पीछे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। उनके कहने पर ही प्रिगोझिन के तेवर ढीले पड़ गए और मॉस्को पर उनके हमला करने की योजना को वापस ले लिया है।
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