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Russia Oil: भारत के विरोध के बाद रूस ने पाकिस्तान को पहुंचाया कच्चा तेल, क्या चीन ने बनाया दबाव ?

Russia Oil, inkhabr। लंबे समय से पाकिस्तान रूस से सस्ते कच्चे तेल (Russia Oil) की मांग कर रहा है। इस बीच रूस ने कच्चे तेल (Russia Oil) की पहली खेप कराची बंदरगाह पहुंचा दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसकी जानकारी दी। पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के […]

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Russia Oil: भारत के विरोध के बाद रूस ने पाकिस्तान को पहुंचाया कच्चा तेल, क्या चीन ने बनाया दबाव ?
  • June 12, 2023 10:00 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Russia Oil, inkhabr। लंबे समय से पाकिस्तान रूस से सस्ते कच्चे तेल (Russia Oil) की मांग कर रहा है। इस बीच रूस ने कच्चे तेल (Russia Oil) की पहली खेप कराची बंदरगाह पहुंचा दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसकी जानकारी दी। पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच ये पाकिस्तान के लिए राहत की बात है। 45 हजार मीट्रिक टन की कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके अलावा भारत के लिए ये एक बड़ा झटका है।

भारत के लिए बड़ा झटका

इस समय भारत और रूस के संबंध काफी अच्छे बने हुए है। लेकिन पाकिस्तान के साथ हुई इस डील के बाद भारत के लिए ये बड़ा झटका है। भारत और रूस के करीबियों के चलते रूस ने पाकिस्तान से दूरी बनाकर रखी हुई थी, जिसके कारण पाकिस्तान अमेरिका के करीब भी होने लगा था। लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य में अब जहां भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हो रहे हैं, वहीं पाकिस्तान चीन के खेमे में जा चुका है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अलग- थलग पड़ गया है। ये ही वजह है कि रूस और पाकिस्तान भी करीब आते दिख रहे हैं।

Russia Oil मिलने पर पाकिस्तान के पीएम ने किया ट्वीट

रूस से कच्चे तेल की खेप मिलने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, मैंने देश से किया अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। ये बताते हुए मुझे काफी ज्यादा खुशी हो रही है कि रूस के सस्ते तेल की पहली खेप कराची पहुंच चुकी है और कल से उसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। ये एक बदलाव का दिन है। हम समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं।

चीन के दबाव ने किया काम

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को कच्चा तेल दिलाने के पीछे चीन के दबाव ने काम किया है। इससे पहले रूस और पाकिस्तान के बीच दिसंबर महीने में बातचीत हुई थी। जिसमें रूस ने 30 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ पाकिस्तान को सस्ता तेल देने से मना कर दिया था। बाद में जनवरी में दोनों देशों के बीच फिर बातचीत शुरू हुई और अप्रैल में पाकिस्तान ने अपना पहला आर्डर दिया था।

इस समय रूस वैश्विक तौर पर अलग-थलग हो चुका है जिस कारण चीन पर उसकी निर्भरता काफी ज्यादा बढ़ गई है। जिस समय रूस पर प्रतिबंध लगाया गया था उस दौरान चीन और भारत रूस के तेल का सबसे बड़ा खरीददार बनकर सामने आए थे।

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