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न्यायपालिका टिप्पणी मामले में उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानिए क्या है मामला

नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है, जिसमें वकीलों के एक संगठन ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर कार्रवाई की मांग की थी। बता दें, बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में किरेन रिजिजू और […]

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न्यायपालिका टिप्पणी मामले में उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानिए क्या है मामला
  • May 15, 2023 2:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है, जिसमें वकीलों के एक संगठन ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर कार्रवाई की मांग की थी। बता दें, बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में किरेन रिजिजू और धनखड़ के खिलाफ याचिका डाली थी।

शीर्ष अदालत में दी थी चुनौती

बता दें, वकीलों के संगठन ने बॉम्बे हाईकोर्ट के नौ फरवरी के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। हाईकोर्ट में वकीलों के संगठन की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट अधिकार क्षेत्र को लागू करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ की थी टिप्पणी

बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने दावा किया था कि रिजिजू और धनखड़ ने अपनी टिप्पणियों और आचरण से संविधान में विश्वास की कमी दिखाई है। धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के रूप में और रिजिजू को केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री के रूप में कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया था। याचिका में कहा गया था कि दोनों ने न्यायपालिका, विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की। बीएलए ने कुछ कार्यक्रमों में उपराष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्री के दिए गए बयानों का हवाला दिया। इससे पहले हाईकोर्ट ने 9 फरवरी को मामले को लेकर जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।

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