नई दिल्ली। मौद्रिक नीति समिति की दो दिनों की बैठक के बाद आज RBI गवर्नर ने प्रेस कान्फ्रेंस की। इस दौरान प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए बताया कि, इस बार एमपीसी की बैठक में रेपो रेटो में किसी तरह का परिवर्तन ना करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने […]
नई दिल्ली। मौद्रिक नीति समिति की दो दिनों की बैठक के बाद आज RBI गवर्नर ने प्रेस कान्फ्रेंस की। इस दौरान प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए बताया कि, इस बार एमपीसी की बैठक में रेपो रेटो में किसी तरह का परिवर्तन ना करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का समर्थन किया है। ऐसे में इस बार भी रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बना रहेगा। इस दौरान गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 4 प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी। FY 24 में सीपीआई 5.2 से घटकर 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान गर्वनर ने जताया है।
प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए गवर्नर ने कहा कि, फिलहाल निवेश के मामले में देश में सुधार हुआ है और मानसून के भी सामान्य रहने का अनुमान है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक महंगाई पर नजर टिकाए हुए है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बीते महीनों में आयात घटने से व्यापार घाटे में भी कमी आई है। जिसके कारण देश का विदेशी मुद्दा भंडार भी मजबूत हुआ है।
गवर्नर ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि एफडीआई में भी सुधार हुआ है। इसके अलावा अप्रैल के मुकाबले अब स्थितियां बेहतर हुई हैं। वहीं मीटिंग में ई-रूपी का दायरा बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। इससे देश में डिजिटल भुगतानों का भी दायरा बढ़ेगा। बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी। हर दो महीने के अंतराल पर होने वाली इस बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव पर चर्चा की जाती है।