Twitter के पूर्व सीईओ के दावे का राकेश टिकैत ने किया समर्थन, जानिए पक्ष-विपक्ष ने क्या कहा

Twitter, inkhabar। Twitter के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया आई है। बता दें, टिकैत ने कहा कि उस समय भी हमें इस बात की जानकारी थी कि सोशल मीडिया में किसान आंदोलन की जितनी पहुंच फेसबुक, Twitter और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आनी चाहिए वह नहीं आ पा रही है।

राकेश टिकैत ने किया ट्वीट

इससे पहले राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ट्विटर के पूर्व सीईओ के द्वारा कहा गया कि भारत सरकार के द्वारा किसान आंदोलन के दौरान जो टि्वटर अकाउंट आंदोलन का समर्थन करते थे उन्हें बंद करने का दबाव बनाया गया था,अगर यह हाल अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों का है तो देश की न्यूज़ एजेंसी का क्या हाल होगा। मैं शुरू से बोलता हूं कि “कलम और कैमरा पर बंदूक का पहरा है”।

ट्विटर के पूर्व सीईओ के द्वारा कहा गया कि भारत सरकार के द्वारा किसान आंदोलन के दौरान जो टि्वटर अकाउंट आंदोलन का समर्थन करते थे उन्हें बंद करने का दबाव बनाया गया,अगर यह हाल अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों का है तो देश की न्यूज़ एजेंसी का क्या हाल होगा।
"कलम और कैमरा पर बंदूक का पहरा है" pic.twitter.com/U7MqVe771r

— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 13, 2023

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्या कहा

वहीं मामले पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान भी आया है। उन्होंने कहा कि, जो कहा गया है वो सफेद झूठ है। वर्षों की नींद के बाद जाग कर उठे जैक डोर्सी, अपने काले कारनामों पर परदा डालना चाहते हैं। जब दूसरे व्यक्ति द्वारा ट्वीटर को खरीदा गया तब ट्विटर फाइल्स में खुलासा हुआ कि किस तरह इस प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग किया जाता था। जब भारत में चुनाव आते हैं तब कई सारी विदेशी ताकते जागती हैं। उनका प्रयास दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विघ्न पैदा करना होता है।

#WATCH | "What was said, is a blatant lie. Jack Dorsey woke up after years of sleep & wants to cover up his misdeeds. When Twitter was bought by another person, it was revealed in 'Twitter Files' how was the platform being misused. Jack Dorsey has not been able to answer this to… pic.twitter.com/8EUSrgCNjR

— ANI (@ANI) June 13, 2023

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बोली ये बात

केसी वेणुगोपाल ने कहा कि, ट्विटर के पूर्व सीईओ का बयान हम सभी के लिए चौंकाने वाला है। सरकार के दूत विपक्ष की आवाज दबाने के लिए ट्विटर के सीईओ पर दवाब बना रहे थे। इसीलिए उन्होंने राहुल गांधी के उस समय के ट्विटर खाते को प्रतिबंधित कर दिया था। यही कारण है कि उन्होंने उस समय के अधिकांश विपक्षी नेताओं के ट्विटर अकाउंट को प्रतिबंधित कर दिया था। देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी कहां है?

डॉर्क जर्सी ने क्या कहा

मीडिया चैनल के एक इंटरव्यू में जैक डोर्सी से सवाल किया गया कि क्या विदेशी सरकारों से उन्हें किसी तरह का दबाव का सामना करना पड़ा था जिसके चलते ट्विटर (Twitter) के बोर्ड मेंबर पद से आपने इस्तीफा दे दिया था। तो उन्होंने जवाब दिया कि भारत उन देशों में से एक है, जब उनके पास किसान आंदोलन के दौरान कई अनुरोध आए थे, इस दौरान यह धमकी भी दी गई कि अगर सरकार की आलोचना करने वाले ट्विटर (Twitter) खातों को बैन नहीं किया गया तो वे भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे।

इसके अलावा भारत सरकार ने हमारे कर्मचारियों के घरों पर छापा मारने और नियमों का पालन नहीं करने पर कार्यालय बंद करने की धमकी भी दी थी। डार्सी ने आगे कहां कि तुर्की ने भी भारत की तरह ही व्यवहार किया था। उन्होंने कहा कि तुर्की सरकार ने भी ट्विटर (Twitter) को बंद करने की धमकी दी थी।

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