Inkhabar, Rajouri Encounter। भारतीय सेना ने अपने पांच जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना शुरू कर दिया है। बता दें, सेना Rajouri के भाटा धूरियन इलाके के कंडी जंगल में बड़े पैमाने पर आतंकवादियों को चुन-चुन कर मार रही है। इस ऑपरेशन में अभी तक एक […]
Inkhabar, Rajouri Encounter। भारतीय सेना ने अपने पांच जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना शुरू कर दिया है। बता दें, सेना Rajouri के भाटा धूरियन इलाके के कंडी जंगल में बड़े पैमाने पर आतंकवादियों को चुन-चुन कर मार रही है। इस ऑपरेशन में अभी तक एक आतंकी मारा जा चुका है, इसके अलावा कई आतंकियों के घायल होने की सूचना है। इस बीच Rajouri में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस आतंकी हमले के पीछे का मुख्य साजिशकर्ता पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर हबीबुल्ला उर्फ साजिद जट्ट को बताया जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, लश्कर कमांडर हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद जट्ट जम्मू क्षेत्र के महोरे रियासी में रहने वाले रियाज अहमद और कासिम के साथ POK के कोटली से इस सारे हमले को नियंत्रित कर रहा है। हबीबुल्ला को इस हमले में मदद लाहौर के मुरीद में स्थित लश्कर मुख्यालय से मिल रही है, जहां से पुंछ के मेंढर का निवासी रफीक नाई उर्फ सुल्तान पाकिस्तान में बैठकर इसे कंट्रोल कर रहा है।
बता दें, पाकिस्तान के पंजाब में कसूर का निवासी हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद जट्ट जम्मू कश्मीर में लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर है। वह दक्षिण कश्मीर में युवाओं की भर्ती से लेकर, हथियार को उपलब्ध करने के अलावा आतंकवादियों को पैसे उपलब्ध कराने का काम करता है। इसके अलावा हबीबुल्ला कश्मीर में आतंकवादी कैडर के लिए जम्मू क्षेत्र में हथियार और गोला बारूद की खेप पहुंचाने में भी शामिल है। इसके अलावा वे भारतीय सुरक्षा बलों पर राजौरी हमलों के पीछे का मास्टमाइंड है।
वहीं अन्य संदिग्धों की बात कि जाए तो इसमें POK के मीरपुर-कोटली इलाके में रहने वाला रियाज अहमद है। बता दें, रियाज लश्कर के लिए ड्रोन संचालन का काम करता है। इसके अलावा वे स्थानीय नेटवर्क का उपयोग करते हुए आतंकवादियों को रसद पहुंचाने का भी काम करता है।
इसके अलावा एक अन्य नाम रफीक नाई उर्फ सुल्तान नाम का भी है। सुल्तान राजौरी सेक्टर में लश्कर के लिए ड्रग्स, हथियारों की तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ में शामिल रहा है। रफीक ने 2021 में हबीबुल्ला की भाटा धूरियन वन क्षेत्र में भारतीय सेना के जवानों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को मदद की थी, जिसमें नौ भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।