BJP की कठपुतली से मुक्त हुआ राजभवन, कोश्यारी के इस्तीफ़े पर उद्धव और NCP का बयान

महाराष्ट्र। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने राज्य के राज्यपाल के पद से भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे का रविवार को स्वागत किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब राजभवन के पदाधिकारी भाजपा की कठपुतली नहीं होंगे। बता दें, राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति में रविवार को कहा गया है […]

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BJP की कठपुतली से मुक्त हुआ राजभवन, कोश्यारी के इस्तीफ़े पर उद्धव और NCP का बयान

Vikas Rana

  • February 12, 2023 1:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

महाराष्ट्र। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने राज्य के राज्यपाल के पद से भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे का रविवार को स्वागत किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब राजभवन के पदाधिकारी भाजपा की कठपुतली नहीं होंगे।

बता दें, राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति में रविवार को कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कोश्यारी के स्थान पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को नियुक्त किया गया है। इसी बीच राज्यपाल के तबादले पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा नेता जयंत पाटिल ने एक ट्वीट में कहा कि मुझे उम्मीद है कि नया राज्यपाल पिछले वाले की तरह भाजपा की कठपुतली नहीं होगा। हम महाराष्ट्र के राज्यपाल को बदलने की केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं क्योंकि यह महा विकास अघाड़ी की मांग थी।

 

 

जयंत पाटिल ने आगे कहा कि पिछले राज्यपाल ने राज्य के सामाजिक प्रतीकों के खिलाफ विवादस्पद टिप्पणी करने के साथ-साथ वर्तमान असंवैधानिक राज्य सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन करके अपने पद का कद गिरा दिया था। हम महाराष्ट्र के नए राज्यपाल की नियुक्ति की खबर का स्वागत करते हैं।

 

शिवसेना  के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी कोश्यारी के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की बड़ी जीत हुई है। महाराष्ट्र विरोधी राज्यपाल का इस्तीफा आखिरकार स्वीकार कर लिया गया। हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले, हमारे संविधान, विधानसभा और लोकतांत्रिक आदर्शों का लगातार अपमान करने वाले को राज्यपाल के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

 

बता दें, शिवसेना में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे- भाजपा गठबंधन पिछले साल जून में शिवसेना में विभाजन और उसके बाद महा विकास अघाड़ी के पतन के बाद सत्ता में आया था।

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