नई दिल्ली। कल कोर्ट से राहत मिलने के बाद आज राहुल गांधी ने एक बार फिर अदाणी मामले को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा कि अडानी की कंपनियों में लगे 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं? इसका जवाब बीजेपी को देना चाहिए। बता दें, […]
नई दिल्ली। कल कोर्ट से राहत मिलने के बाद आज राहुल गांधी ने एक बार फिर अदाणी मामले को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा कि अडानी की कंपनियों में लगे 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं? इसका जवाब बीजेपी को देना चाहिए। बता दें, मीडिया ने जब राहुल गांधी से भाजपा द्वारा न्यायपालिका पर दबाव बनाने को लेकर सवाल किए तो इस पर राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि हर बार आप वहीं बात क्यों कर रहे हैं, जो बीजेपी कह रही है। राहुल ने सवाल पूछते हुए कहा कि अडानी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं। उनको इसका जवाब देना चाहिए कि ये किसके पैसे हैं।
#WATCH | Delhi: Congress leader Rahul Gandhi answers on BJP allegations of "Congress pressurising judiciary" and speaks on Adani row as he arrives at the AICC office. pic.twitter.com/U18YTLrkbQ
— ANI (@ANI) April 4, 2023
बता दें, राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत के सेशंस कोर्ट से जमानत मिली है। साथ ही राहुल ने कोर्ट द्वारा दी गई दो साल की सजा को लेकर भी याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई 13 अप्रैल को होनी है। राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा था कि ये मित्रकाल के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस लड़ाई में सत्य ही मेरा अस्त्र है और सत्य ही मेरा आसरा। बता दें, अपने इस ट्वीट में राहुल गांधी ने मित्रकाल शब्द का इस्तेमाल पीएम मोदी पर निशाना साधने के लिए किया है।
बता दें, फिलहाल राहुल गांधी को सेशंस कोर्ट से मिली राहत के बाद उन्हें जेल नहीं जाना होगा, लेकिन उनकी संसद सदस्यता सस्पेंड रहेगी। अगर राहुल को अपनी संसद सदस्यता बहाल करनी है तो कोर्ट द्वारा दिए गए पूरे फैसले पर स्टे मिलना जरूरी है। राहुल गांधी के मामले को लेकर कांग्रेस की लीगल टीम के सदस्य बीएम मंगुकिया ने बताया कि, राहुल गांधी को दोषी करार देने वाले फैसले पर रोक लगाने के लिए दिए आवेदन पर सूरत की सेशंस कोर्ट ने गुजरात सरकार और पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करके उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है। मंगुकिया के मुताबिक दोनों को ही इस नोटिस का जवाब 10 अप्रैल तक देने को कहा गया है।
वहीं पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला का भी कहना है कि कोर्ट ने उन्हें राहुल गांधी के एप्लीकेशन पर अपना पक्ष रखने के लिए 10 अप्रैल तक का वक्त दिया है। राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का आपराधिक केस सूरत के बीजेपी विधायक पूर्णेष मोदी ने ही दर्ज कराया है, जिस पर सुनवाई के बाद निचली अदालत ने कांग्रेस नेता को सजा सुनाई है।