रघुराम राजन ने फिर उठाए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल, PLI को बताया असफल प्रयास

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर एक बार सवाल उठाए हैं। बता दें, इस बार केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम (PLI) को सरकार की असफल स्कीम बताया है। सरकार की स्कीम को बताया असफल – रघुराम राजन रघुराम राजन ने कुछ अन्य […]

Advertisement
रघुराम राजन ने फिर उठाए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल, PLI को बताया असफल प्रयास

Vikas Rana

  • May 31, 2023 9:13 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर एक बार सवाल उठाए हैं। बता दें, इस बार केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम (PLI) को सरकार की असफल स्कीम बताया है।

सरकार की स्कीम को बताया असफल – रघुराम राजन

रघुराम राजन ने कुछ अन्य लेखकों के साथ सोशल मीडिया नोट में सवाल उठाए हैं कि मोदी सरकार की पीएलआई स्कीम की सफलता का क्या सबूत है जो मूल रूप से देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लाई गई थी। उन्होंने सवाल दागा है कि क्या भारत वाकई में एक मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज बन गया है जिसके दावे किए जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि देश में मोबाइल फोन के निर्माण के आंकड़ों को देखने पर इस तरह की चिंताएं सामने आ रही हैं जिनका जवाब मिलना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कीम का फोकस मुख्य तौर पर देश में मोबाइल फोन के निर्माण का ध्यान में रखने के तौर पर पेश किया गया था।

सरकार स्कीम के निर्माण में हुई फेल

अपने रिसर्च नोट में रघुराम राजन ने लिखा है कि भारत अभी मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में दिग्गज नहीं बन पाया है जैसी उम्मीद इन पीएलआई स्कीम की शुरुआत के समय जताई गई थी और लंबे-चौड़े वादे किए गए थे। उनके साथ दो और लेखकों राहुल चौहान और रोहित लांबा ने इस बात का जिक्र किया है कि ये स्कीम निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के मामले में फेल साबित हुई है।

क्या है पीएलआई स्कीम

केंद्र की मोदी सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपए की लागत से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम का ऐलान किया था इसके जरिए देश के विभिन्न सेक्टर्स में मैन्यूफैक्चरिंग के चैंपियन बनाने और सामान्य रोजगार के अवसर बनाने का दावा किया गया था।

सरकार को करना चाहिए आकलन

राजन ने कहा है कि केंद्र सरकार को इस स्कीम के आंकड़ों को ध्यान से देखना चाहिए और विस्तृत आकलन करना चाहिए कि पीएलआई स्कीम के तहत अब तक कितने नौकरियों के मौके बन पाए हैं। आखिर  क्यों अभी तक पीएलआई स्कीम देश के अलग-अलग सेक्टर्स में फायदा नहीं पहुंचा पाई है और ये कारगर क्यों नहीं हो पा रही है- इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।

Advertisement