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पीवी सिंधु ने भारत को दिलाया 19वां स्वर्ण, पहली बार सिंधु को मिली स्वर्णिम सफलता

नई दिल्ली, भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में धमाकेदार प्रदर्शन कर देश को 19वां स्वर्ण दिला दिया है. उन्होंने सिंगल्स फाइनल मुकाबले में कनाडा की वर्ल्ड नंबर-13 मिशेल ली लगातार दो गेम में करारी शिकस्त दी है, दुनिया की नंबर-7 शटलर पीवी सिंधु ने पहला गेम 21-15 से जीता था, […]

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पीवी सिंधु ने भारत को दिलाया 19वां स्वर्ण, पहली बार सिंधु को मिली स्वर्णिम सफलता
  • August 8, 2022 3:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में धमाकेदार प्रदर्शन कर देश को 19वां स्वर्ण दिला दिया है. उन्होंने सिंगल्स फाइनल मुकाबले में कनाडा की वर्ल्ड नंबर-13 मिशेल ली लगातार दो गेम में करारी शिकस्त दी है, दुनिया की नंबर-7 शटलर पीवी सिंधु ने पहला गेम 21-15 से जीता था, पहले मुकाबले में मिशेल ने सिंधु को थोड़ी टक्कर दी थी, लेकिन दूसरे गेम में सिंधु ने उन्हें कोई मौका ही नहीं दिया. दूसरा मुकाबला भी भारत की स्टार शटलर ने 21-13 से जीत लिया. इसके साथ ही सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स में अपना यह पहला स्वर्ण जीता है. पदक तालिका में भारत अब चौथे स्थान पर आ गया है, अब तक भारत को 19 गोल्ड, 15 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मिल चुके हैं.

भावुक हुई सिंधु

कॉमनवेल्थ में जीत के बाद पीवी सिंधु भावुक हो गई. उन्होंने जीत हासिल करते ही हाथों से अपना मुंह छिपा और रोने लगीं, फिर अचानक से वो उठी और अपने कोच को गले लगा लिया. पीवी सिंधु के इस जश्न में वो दर्द ठीक होता दिख रहा था जो उन्होंने पूरे 8 सालों तक सहा है.

सिंधु की पहली स्वर्णिम सफलता

बता दें पीवी सिंधु के लिए ये जीत बहुत ज्यादा ख़ास है क्योंकि कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने पहली बार स्वर्ण पदक हासिल किया है. पीवी सिंधु साल 2014 और 2018 में स्वर्ण जीतने से चूक गईं थी. 2014 में उन्हें कांस्य पदक मिला था, वहीं 2018 में सानिया मिर्जा ने उन्हें गोल्ड मेडल के मैच में हराया था. लेकिन अपने तीसरे कॉमनवेल्थ गेम्स में पीवी सिंधु ने ये स्वर्णिम सफलता हासिल कर ली है.

पीवी सिंधु ने क्यों चुना बैडमिंटन?

सिंधु ने आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। दरअसल माता पिता दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी थे लेकिन सिंधु का लगाव बैडमिंटन की ओर था। वह पुलेला गोपीचंद की सफलता से प्रभावित थीं। पुलेला गोपीचंद ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन थे।

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