नई दिल्ली। पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पास होने के बाद अब वक्फ संशोधन विधेयक कानून का रूप ले चुका है। लेकिन वक्फ को लेकर सियासत अब भी जारी है। विपक्षी दलों के नेता लगातार इसे लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार कोस रहे हैं।

इस बीच मौलाना मदनी ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि इन दोनों नेताओं ने मुस्लिमों की पीठ में छूरा घोंपा है।

वहीं, वक्फ बिल को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बिल का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है।

संजय राउत ने क्या कहा

‘सामना’ में एक लेख में राउत ने लिखा है कि वक्फ बिल को कुछ लोगों ने हिंदुत्व से जोड़ने का प्रयास किया है, जो पूरी तरह से निरर्थक है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) के अगले कदम काफी महत्वपूर्ण नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि जैसे इनका अगला लक्ष्य काशी और मथुरा है।

ये सीधे तौर पर प्रॉपर्टी वॉर है

संजय राउत ने आगे लिखा है कि मोदी सरकार यह विधेयक इसलिए लाई है कि वो मुसलमानों की संपत्ति पर सरकारी नियंत्रण करना चाहती है। राउत ने कहा कि यह सीधे तौर पर प्रॉपर्टी वॉर है। उन्होंने कहा कि अब मस्जिदों को खोदकर मंदिर खोजने का प्रयास किया जा रहा है, जोकि निरर्थक है। देश में 30,000 मस्जिदें हैं, उन्हें खोदने से क्या मिलेगा?