लखनऊ। भाजपा से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन्होंने हाल ही में रामचरितमानस को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, अब इसको लेकर यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि, हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस में कुछ जातियों को दर्शाते हुए अपमानजनक टिप्पणियां की है, हम इसका विरोध करते हैं और इसमें जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या फिर इस पुस्तक को प्रतिबंधित करना चाहिए। इसी विवादित बयान के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
गौरतलब है कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसका समर्थन करते हुए इसको प्रतिबंधित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि, रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं जिसको इसमें से हटाना चाहिए या फिर इसको प्रतिबंधित करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा तुलसीदास ने इसको स्वांत: सुखाय यानी निज सुख के लिए लिखा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित टिप्पणी के बाद सियासी घमासान शुरु हो गया था। इसको संज्ञान में लेते हुए हजरतगंज पुलिस थाने में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। लखनऊ के बाजारखाला निवासी शिवेंद्र मिश्रा ने 24 जनवरी को आईपीसी की धारा 153, 295 ए, 298 और 504 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि एक टीवी चैनल में उन्होंने डिबेट के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य को सुना। उनके इस आचरण से हिंदू समाज बेहद आहत हुआ है। सपा नेता ने समाज को विभाजित करने और घृणा फैलाने वाला बयान दिया है।
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