नई दिल्ली। PM Modi ने संसद का उद्घाटन कर दिया है। बता दें, अधीनम मठ के पुजारियों ने PM Modi को सेंगोल सौंपा, जिसे PM Modi ने लोकसभा में स्थापित किया। इसके बाद PM Modi ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी थे। संसद के उद्घाटन […]
नई दिल्ली। PM Modi ने संसद का उद्घाटन कर दिया है। बता दें, अधीनम मठ के पुजारियों ने PM Modi को सेंगोल सौंपा, जिसे PM Modi ने लोकसभा में स्थापित किया। इसके बाद PM Modi ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी थे। संसद के उद्घाटन के बाद PM Modi ने ट्वीट करते हुए संसद के नए भवन को देशवासियों के लिए गर्व और उम्मीदों से भरा बताया है।
PM Modi ने ट्वीट करते हुए कहा कि, आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।
आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी। pic.twitter.com/aOReN4JiF4
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2023
RJD ने ट्वीट कर नए संसद भवन की तुलना ताबूत से की है। आरजेडी के ट्वीट हैंडल से एक फोटो शेयर किया गया। जिसमें संसद की बनावट को दिखाते हुए पूछा गया है कि “ये क्या है” ?
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि, हमने अपने ट्वीट पर जिस चिन्ह का इस्तेमाल किया है। इसका कारण हम लोग राजनीति और लोकतंत्र का ताबूतीकरण नहीं होने देना चाहते हैं। लोकतंत्र का मंदिर संवाद की जगह है। लेकिन भाजपा सरकार के रहते हुए देश में संवादहीनता बढ़ी है। जिस तरह से देश पर राजतंत्र थोपने की कोशिश की जा रही है। वो पूरी तरह से गलत है।
RJD के ट्वीट का जबाव देते हुए भाजपा नेता सुशील Modi ने कहा कि, आज भले ही सभी दलों के लोगों ने भवन बहिष्कार किया हो लेकिन कल सदन की कार्यवाही तो वहीं चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह तय कर लिया है कि वे नए संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे? संसद के साथ ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज़्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है।