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जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने दुनिया को बताया भारत की सफलता का मंत्र

नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन रियो डी जेनेरो में किया गया था. इस शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने सामाजिक समावेशन और भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई पर अपने विचार दुनिया के सामने रखा. पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी-20 की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और […]

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PM MODI
  • November 19, 2024 11:28 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन रियो डी जेनेरो में किया गया था. इस शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने सामाजिक समावेशन और भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई पर अपने विचार दुनिया के सामने रखा. पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी-20 की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और इस शिखर सम्मेलन की व्यवस्था की तारीफ की.

बता दें भारत की तरफ से नई दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन में लिए गए जन-केंद्रित फैसलों को ब्राजील के नेतृत्व में आगे बढ़ाया गया है. पीएम ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता देने पर भी संतोष जाहिर किया है. इसे एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के सिद्धांत के के तहत जरूरी बताया है.

25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर

पीएम मोदी ने एक दशक में भारत की गरीबी उन्मूलन में की गई प्रगति के बारे में बात की. पीएम मोदी ने कहा 25 करोड़ लोगों को हमने गरीबी से बाहर निकाला है . वहीं 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज मिल रहा है. इसके साथ ही पीएम ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से 55 करोड़ लोग के लाभान्वित होने की बात कही. उन्होंने बताया कि 70 साल के ज्यादा उम्र के 6 करोड़ बुर्जग मुफ़्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा रहे है.

खाद्य सुरक्षा और भारत का योगदान

पीएम मोदी ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत के योगदान का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत ने जाम्बिया और जिम्बाब्वे मलावी को मानवीय सहायता की है. ताकि वहां पर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. बता दें ब्राजील के द्वारा शुरू की गई भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के लिए भारत ने अपना समर्थन दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि ये गठबंधन नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अपनाए गए डेक्कन उच्च स्तरीय सिद्धांतों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ग्लोबल साउथ करेगा संस्थाओं में सुधार

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ये बताना चाहूंगा कि वैश्विक संघर्षों के कारण ईंधन खाद्य और उर्वरक संकट से वैश्विक दक्षिण के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. उन्होंने कहा हमारी बातचीत तभी सफल हो सकती हैं. जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे . जिस तरह हमने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करके वैश्विक दक्षिण को आवाज दी, उसी तरह हम वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार करेंगे. मुझे उमा्मीद है कि अगले सत्र के दौरान इस विषय पर विस्तार से सकारात्मक बातचीत होगी.

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