नई दिल्ली। आज अडानी मामले के अलावा केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने Parliament से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला था। इसी दौरान मार्च निकालते हुए दिल्ली पुलिस ने सांसदों को विजय चौक पर ही रोक दिया। बता दें, Parliament से ईडी दफ्तर के लिए 16 पार्टियों के नेता […]
नई दिल्ली। आज अडानी मामले के अलावा केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने Parliament से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला था। इसी दौरान मार्च निकालते हुए दिल्ली पुलिस ने सांसदों को विजय चौक पर ही रोक दिया। बता दें, Parliament से ईडी दफ्तर के लिए 16 पार्टियों के नेता इस मार्च पर भाग ले रहे हैं। जिसके चलते पुलिस द्वारा विजय चौक पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया था।
मार्च को रोके जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे हैं लेकिन सरकार हम लोगों को विजय चौक के पास भी जाने नहीं दे रही। जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास के साथ बैंक में रखते हैं वहीं पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकार की संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है। जिस व्यक्ति ने 1650 करोड़ रुपए से अपने करियर की शुरुआत की और अब उसके पास 13 लाख करोड़ की संपत्ति है तो हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो। प्रधानमंत्री और अडानी का क्या रिश्ता है ?
वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, सरकार जानती है कि अगर उन्होंने हमारी जेपीसी की मांग को मान लिया तो जनता के सामने सरकार की धज्जियां उड़ जाएगी। भाजपा के सभी भ्रष्टाचार आम लोगों के सामने साबित हो जाएंगे।
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से विपक्ष अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमलावर है। विपक्षी दलों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए। बता दें, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। हालांकि अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रवाधानों का पालन किया है।