चीनी कंपनियों का गोलमाल, वीवो के बाद Oppo के ठिकानों पर रेड

नई दिल्ली, चीनी स्मार्टफोन मेकर्स Xiaomi और Vivo के बाद अब Oppo पर भी पैसे की हेराफेरी का आरोप लगा है. कंपनी पर 4389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी का आरोप है. ओपो इंडिया भारत में मैन्युफैक्चरिंग, असेंबलिंग, होलसेल ट्रेडिंग, मोबाइल हैंडसेट डिस्ट्रीब्यूशन और एक्सेसरीज का बिजनेस करती है. ओपो इंडिया कंपनी चीन […]

Advertisement
चीनी कंपनियों का गोलमाल, वीवो के बाद Oppo के ठिकानों पर रेड

Aanchal Pandey

  • July 13, 2022 2:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, चीनी स्मार्टफोन मेकर्स Xiaomi और Vivo के बाद अब Oppo पर भी पैसे की हेराफेरी का आरोप लगा है. कंपनी पर 4389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी का आरोप है.

ओपो इंडिया भारत में मैन्युफैक्चरिंग, असेंबलिंग, होलसेल ट्रेडिंग, मोबाइल हैंडसेट डिस्ट्रीब्यूशन और एक्सेसरीज का बिजनेस करती है. ओपो इंडिया कंपनी चीन की गुआंग्डोंग ओपो मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड की सहयोगी है. ओपो इंडिया कई मोबाइल फोन ब्रांड्स- ओपो, वनप्लस और रियलमी से जुड़ा है.

ये है पूरा मामला

यूनियन फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि ‘DRI ने ओपो के ऑफिस और कुछ प्रमुख मैनेजमेंट एक्जीक्यूटिव्स के घर पर जांच कर छापेमारी की है. जांच में एजेंसी ने पाया है कि ओपो इंडिया ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के कुछ आइटम्स के इंपोर्ट की सही जानकारी नहीं दी है और इसकी वजह से कंपनी को 2981 करोड़ रुपये की ड्यूटी छूट मिली है. इस जांच में सीनियर मैनेजमेंट एम्पलॉइज और घरेलू सप्लायर्स से पूछताछ की गई है.’

जांच में ये भी पाया गया है कि ओपो इंडिया ने रॉयल्टी के नाम पर भी कई मल्टीनेशनल कंपनियों को भुगतान किया है, जिसमें से कुछ चीन में मौजूद हैं. कंपनी ने जिस रॉयल्टी और लाइसेंस फीस का भुगतान किया है, उसकी जानकारी सामान को इंपोर्ट करते वक्त ट्रांजेक्शन वैल्यू में नहीं दी है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने कस्टम एक्ट 1962 के सेक्शन 14 का उल्लंघन किया है. ओपो इंडिया ने इस तरह से 1408 करोड़ रुपये की कथित ड्यूटी बचाई है, इसके अलावा कंपनी ने 450 करोड़ रुपये का वॉलंटरी डिपॉजिट भी किया है. जांच के बाद ओपो इंडिया के खिलाफ 4389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में ओपो इंडिया, उसके कर्मचारी और ओपो चाइना पर कस्टम एक्ट 1962 के तहत जुर्माना भी लगाया गया है.

Sri Lanka Crisis: रानिल विक्रमसिंघे बनाए गए कार्यवाहक राष्ट्रपति, फिर सड़कों पर उतरी जनता

Advertisement