लखनऊ। अतीक अशरफ की हत्या मामले में न्यायिक आयोग ने 21 पुलिस कर्मियों को नोटिस भेजा है। आयोग ने इन सभी पुलिस कर्मियों को 15 दिन के अंदर बयान दर्ज कराने के निर्देश दिया है। बता दें, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत को आज यानी 15 मई को 1 महीने पूरे हो गए है। 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में मेडिकल कराने के लिए ले जाने के दौरान तीन हमलावरों ने दोनों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मौके पर ही तीनों शूटर्स को दबोच लिया था।
शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या अभी प्रतापगढ़ के जेल में बंद है। तीनों 25 मई तक ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड पर हैं। हालांकि पुलिस अभी तक आरोपियों से ये नहीं उगलवा सकी है कि इस शूटआउट के पीछे मास्टरमाइंड कौन है।
बता दें, अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद तमाम दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई थी। किसी ने यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे तो किसी ने इसे योगी सरकार की तानाशाही करार दिया था।
वहीं मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
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