नई दिल्ली. 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक हुई थी. इस बैठक में 15 विपक्षी दलों के 27 नेताओं ने भाग लिया था. इस महाबैठक में अगले साल होने वाले 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के खिलाफ रणनीति तैयार करना था. हालांकि इस बैठक में पीएम […]
नई दिल्ली. 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक हुई थी. इस बैठक में 15 विपक्षी दलों के 27 नेताओं ने भाग लिया था. इस महाबैठक में अगले साल होने वाले 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के खिलाफ रणनीति तैयार करना था. हालांकि इस बैठक में पीएम चेहरे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
23 जून को पटना में हुए विपक्षी दलों के महाबैठक के बाद सभी शीर्ष नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक को लेकर जानकारी दी गई. ये महाबैठक पहले शिमला में प्रस्तावित था. लेकिन अब महाबैठक स्थल को बदल कर शिमला की जगह बेंगलुरु कर दिया गया है.
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों में केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ एकजुट होने की कवायद शुरु हो गई. जहां पटना में तय किया गया था कि बैठक को 10 या 12 जुलाई के दिन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कराया जाएगा. वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने जानकारी दी है कि ये बैठक शिमला के बजाय दक्षिण भारतीय कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कराई जाएगी. दो दिवसीय बैठक 13 और 14 जून को होगी.
गौरतलब है कि पटना में अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने एक साथ आकर बहुत महत्वपूर्ण संकेत दिया था. कहा जा रहा है सत्तारुण एनडीए (नेशनल डेमोक्रैटिक एलायंस) के सामने विपक्ष अपने गठबंधन का नाम पीडीए दे सकता है. इसका विस्तार पेट्रियॉटिक डेमोक्रेटिक एलायंस हो सकता है.