मेकअप के बाद बूढ़ी सेक्स वर्कर के साथ नहीं सो रहा कोई, बोलीं- जवानी में खूब था जलवा अब कुत्ता भी…

सेक्स वर्कर्स बताती है कि अपने चेहरे की झुर्रियों को कम दिखाने के लिए वो हैवी मेकअप करती है। डाई से बालों को हमेशा कलर करके रखती है लेकिन उम्र तो उम्र है , वो छुप नहीं पाते। उन्हें देखते ही ग्राहक भाग जाते हैं।

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मेकअप के बाद बूढ़ी सेक्स वर्कर के साथ नहीं सो रहा कोई, बोलीं- जवानी में खूब था जलवा अब कुत्ता भी…

Pooja Thakur

  • November 16, 2024 1:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 hours ago

नई दिल्ली। दिल्ली के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया जीबी रोड का नाम तो आपने सुना होगा। इसे बदनाम गली के नाम से जानते हैं। सबसे पहले तो हम आपको ये बता दें कि जगह का नाम जीबी रोड नहीं बल्कि स्वामी श्रद्धानंद मार्ग है। फिर भी लोग इसे पहले की तरह ही जीबी रोड ही कहते हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक अजमेरी गेट से लेकर लाहौरी गेट के बीच के इलाके को जीबी रोड के नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि मुगलकाल में यहां पर कई रेड लाइट एरिया हुआ करते थे। अंग्रेजों ने सभी को एक कर दिया और इस जगह को नाम ही दे दिया जीबी रोड।

बूढ़ी वेश्याओं की जिंदगी

पहले यहां रात होते ही घुंघरू की तेज आवाज आने लगती थी। हालांकि अब सेक्स वर्कर्स की जिंदगी काफी बदल गई है। यहां के कोने-कोने में खड़ी वेश्याओं के चेहरे अलग-अलग कहानी कहती है। कहा जाता है कि यहां पर 40 के पार वाली सेक्स वर्कर्स की लाइफ काफी मुश्किल होती है। हर रात वो अपने शरीर को बेचने की जी तोड़ कोशिश करती है लेकिन ज़्यदातर समय उन्हें निराशा ही हाथ लगता है। एक मीडिया इंटरव्यू में सेक्स वर्कर्स ने 40 के बाद की जिंदगी के बारे में बताया। जिसे सुनकर दिमाग सन्न रह जाता है।

करना पड़ता है हैवी मेकअप

एक सेक्स वर्कर्स बताती है कि अपने चेहरे की झुर्रियों को कम दिखाने के लिए वो हैवी मेकअप करती है। डाई से बालों को हमेशा कलर करके रखती है लेकिन उम्र तो उम्र है , वो छुप नहीं पाते। उन्हें देखते ही ग्राहक भाग जाते हैं। उनके कहे मुताबिक वो लोग हाथ पकड़-पकड़ कर उन्हें अपनी तरफ खींचती रहती हैं लेकिन वो आते नहीं। तमाम जद्दोजहद के बाद भी कोई खरीदना नहीं चाहता। इसी खीझ में वो ग्राहक को गन्दी-गन्दी गालियां भी दे देती हैं।

कुत्ता भी नहीं पूछ रहा

ऐसे ही वहां रहने वाली एक सेक्स वर्कर ने कहा कि एक समय ऐसा था जब मेरे पर अच्छे -अच्छे लड़के मर मिटते थे और अब ऐसा वक़्त आ गया है कि कोई कुत्ता भी नहीं पूछ रहा। उनका कहना है कि कई दिनों तक बोहनी भी नहीं होती है। दारू पीने की आदत थी और अब खाने तक को मुश्किल से नसीब होता है। एक उम्र के बाद सेक्स वर्कर्स के पास काम नहीं होता। पेट पालना भी दूभर है। घर का काम तक नहीं होता लेकिन फिर भी तैयार होकर अपने लिए ग्राहक ढूंढती है।

 

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