PM Modi Meets Mohammad Yunus: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के बीच थाइलैंड में मुलाकात की संभावना जताई जा रही है. पीएम मोदी कल, 3 अप्रैल 2025 को बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए थाइलैंड रवाना होंगे. यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक बैठक होगी. जिसके लिए बांग्लादेश की ओर से पहले ही आग्रह किया जा चुका है. हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसकी तैयारियां चल रही हैं.
बिम्सटेक सम्मेलन, जो 3-4 अप्रैल को बैंकॉक में आयोजित होगा. क्षेत्रीय सहयोग और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है. इस सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड जैसे सात देश हिस्सा लेंगे. बांग्लादेश ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए पीएम मोदी और प्रोफेसर यूनुस के बीच साइडलाइन पर एक द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा है. बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जाशिम उद्दीन ने हाल ही में कहा था कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकती है.
पिछले कुछ महीनों से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव देखा गया है. खासकर अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के पतन और यूनुस के अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने के बाद. भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता जताई है. जबकि बांग्लादेश ने शेख हसीना को भारत में शरण देने पर सवाल उठाए हैं. ऐसे में यह मुलाकात दोनों देशों के लिए आपसी मुद्दों पर बातचीत का एक मौका हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि अगर यह बैठक होती है तो यह क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए एक सकारात्मक कदम होगा.
प्रोफेसर यूनुस इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं. बिम्सटेक सम्मेलन से पहले वह 26-29 मार्च को चीन की यात्रा पर थे. जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. अब थाइलैंड में वह बिम्सटेक की अध्यक्षता ग्रहण करने की तैयारी में भी हैं क्योंकि इस सम्मेलन के बाद बांग्लादेश इस संगठन का अगला अध्यक्ष बनेगा. ऐसे में उनकी पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है.
हालांकि भारत ने अभी तक इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों नेताओं के बीच कम से कम एक अनौपचारिक बातचीत तो हो सकती है. बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान सभी नेता एक मंच पर होंगे. जिससे संक्षिप्त मुलाकात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. यह बैठक न केवल भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है.
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