मुंबई। पिछले साल 20 जून को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। जिसके चलते उद्धव ठाकरे की शिवसेना इस दिन को अंतरराष्ट्रीय गद्दार दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान कर चुकी है। इस बीच मुंबई पुलिस ने शिवसेना-एनसीपी कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। पुलिस […]
मुंबई। पिछले साल 20 जून को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। जिसके चलते उद्धव ठाकरे की शिवसेना इस दिन को अंतरराष्ट्रीय गद्दार दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान कर चुकी है। इस बीच मुंबई पुलिस ने शिवसेना-एनसीपी कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है।
पुलिस ने नोटिस जारी करते हुए दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं से राज्य में कानून व्यवस्था को ना बिगाड़ने की अपील की है। बता दें, शिवसेना आज राज्य में विरोध प्रदर्शन कर सकती है । गद्दारी के मुद्दे पर राज्य की सियासत भी काफी ज्यादा गर्मा गई है।
बता दें, उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है। इस पत्र में आज के दिन विश्व गद्दार दिवस मनाने की अपील की गई है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखी गई इस चिट्ठी में राउत ने कहा है कि 20 जून को बतौर विश्व गद्दार दिवस मान्यता दी जाए। उन्होंने 21 दिवस को योग दिवस मनाने का हवाला भी दिया है। इसी तर्ज़ पर उन्होंने 20 जून को गद्दार दिवस के रूप में घोषित करने की मान्यता दी है।
बता दें, पिछले साल इसी दिन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में MVA के 40 विधायकों ने तात्कालिक सीएम उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी। इसके बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली MVA सरकारी गिर गई थी। इसी कारण संजय राउत ने यूएन को पत्र लिखकर 20 जून 2022 की घटना के बाद विश्व गद्दार दिवस मनाने की अपील की है। राउत ने कहा कि वह इस दिन रावण की तरह 40 विधायकों के पुतलों को जलाएंगे।
बता दें, पिछले साल जून में पार्टी के 40 अन्य विधायकों ने शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उठाव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसके बाद शिवसेना दो हिस्सों में टूट गई थी। राज्य में शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद बीजेपी और शिंदे गुट ने मिलकर सरकार बनाई थी। इसके बाद दोनो गुटों के बीच बाल ठाकरे की राजनीतिक विचारधारा को लेकर लड़ाई छिड़ गई। भाजपा के साथ मिलक शिंदे ने ना केवल सरकार बनाई बल्कि चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनावी चिन्ह ‘तीर-धनुष’ और नाम भी शिंदे गुट को सौंप दिया।