नई दिल्ली। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिली है। बता दें, अमेरिकी की अदालत ने हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की मंजूरी दे दी है। साल 2020 में ही 62 साल के राणा की गिरफ्तारी […]
नई दिल्ली। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिली है। बता दें, अमेरिकी की अदालत ने हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की मंजूरी दे दी है। साल 2020 में ही 62 साल के राणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अमेरिका की कोर्ट में केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा बाइडन प्रशासन ने भी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने के लिए समर्थन किया था।
वहीं अमेरिका की जस्टिस जैक्लिन चूलजियान की अदालत ने 16 मई को आदेश देते हुए राणा को भारत को सौंपने का आदेश दिया। बता दें, अमेरिका की कोर्ट में राणा की गिरफ्तारी को लेकर तर्क दिया गया था कि तहव्वुर राणा को इस बात की जानकारी थी कि उसका दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर का आतंकी है। इसके बाद भी राणा ने उसकी मदद की थी। वहीं राणा के वकील ने इन सारे दावों को झूठा बताते हुए गिरफ्तारी का विरोध किया था।
साल 2008 में लश्कर ए तैयबा के आंतकियों ने मुंबई के ताज होटल में हमला किया था। इस हमले में कुल 166 लोगों की जान गई थी। मरने वालों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस हमले की में राणा की भूमिका के लिए उसे अमेरिका से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी को लेकर एनआईए का कहना है कि राजनयिक नियमों के तहत तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा।