गांधीनगर: गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मोरबी के मच्छु नदी पर बने 143 साल पुराने ऐतिहासिक पुल के गिर जाने से करीब 134 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पुल पर उस वक्त सैकड़ों लोग मौजूद […]
गांधीनगर: गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मोरबी के मच्छु नदी पर बने 143 साल पुराने ऐतिहासिक पुल के गिर जाने से करीब 134 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पुल पर उस वक्त सैकड़ों लोग मौजूद थे और अचानक ये पुल टूट गया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल हुई है। इस दुर्घटना को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जांच करने के मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को मामले में सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए देशभर में जितने भी पुराने पुल या स्मारक हैं। साथ ही वहां होने वाली भीड़ को संभालने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है। वहीं राज्य सरकारों को पुराने धरोहरों और पुलों के सर्वे के लिए एक कमेटी बनाने के निर्देश देने की मांग की है। याचिका के अनुसार स्थायी आपदा नियंत्रण विभाग बनाने से घटना का तुरंत बचाव का काम शुरू हो सकेगा और ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है।
इस मामले को लेकर राज्य में 2 नवंबर को राजकीय शोक की घोषणा की गई। पीएम मोदी और गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल के बीच सोमवार को बातचीत हुई, जिसके बाद ये ऐलान किया गया। इस हादसे में अब तक 134 लोगों की जान जा चुकी है। बता दें इससे पहले मोरबी हादसा के मद्देनजर रखते हुए गांधीनगर राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उच्च स्तरीय बैठक थी। इस दौरान बचाव अभियान और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित कई शीर्ष अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस बैठक के बाद सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर राजकीय शोक का ऐलान किया।
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