मैनपुरी. मैनपुरी में उपचुनाव खत्म हो गया है. ऐसे में, मैनपुरी में गाड़ी में ले जाई जा रही ईवीएम मशीन को सपा के कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया है, इतना ही नहीं, सपा कार्यकर्ताओं ने अवैध रूप से ईवीएम ले जाने का आरोप भी लगाया है. सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिना पुलिस फोर्स के […]
मैनपुरी. मैनपुरी में उपचुनाव खत्म हो गया है. ऐसे में, मैनपुरी में गाड़ी में ले जाई जा रही ईवीएम मशीन को सपा के कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया है, इतना ही नहीं, सपा कार्यकर्ताओं ने अवैध रूप से ईवीएम ले जाने का आरोप भी लगाया है. सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिना पुलिस फोर्स के ईवीएम मशीन को ले जाया गया, इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की.
मैनपुरी में उपचुनाव तो खत्म हो गया है, यहाँ 54.37 फीसदी मतदान किया गया है.
शिवपाल यादव की भतीजे अखिलेश से नजदीकी उनके लिए मुसीबतें बढ़ा सकती है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि हाल ही में शिवपाल यादव की सुरक्षा में कटौती की गई वहीं अब उनका सरकारी बंगला भी उनके हाथ से जा सकता है. दरअसल, राज्य संपत्ति विभाग में शिवपाल यादव के बंगला आवंटन की फाइल से धूल हटाकर निरीक्षण शुरू हो गया है और इसके साथ ही साथ ही गोमती रिवरफ्रंट से जुड़ी फाइलों को भी खंगाला जा रहा है.
दरअसल, साल 2018 में शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी, अपनी पार्टी बनाने के बाद उत्तर प्रदेश शासन को शिवपाल यादव की जान का खतरा लगा और उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई, उस समय सरकार ने लाल बहादुर शास्त्री मार्ग का 6 नंबर आलीशान बंगला भी शिवपाल यादव को एलॉट कर दिया था और फिर यही बंगला प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का केंद्रीय कार्यालय भी बन गया. साल 2018 से 2022 तक चाचा भतीजे की बीच जुबानी जंग भी चलती रही, लेकिन अब परिवार में एका हो गया है. ऐसे में सरकार ने शिवपाल यादव की सुरक्षा वापस ले ली है और अब उनका बंगला भी उनसे छीन सकता है.
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