महाराष्ट्र : मंत्रियों में हुआ विभागों का बंटवारा, किसे मिला कौन-सा विभाग?

मुंबई : लंबे इंतज़ार के बाद अब महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा कर दिया है. रविवार को शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में हर मंत्री को उसका विभाग मिल गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को PWD और शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के […]

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महाराष्ट्र : मंत्रियों में हुआ विभागों का बंटवारा, किसे मिला कौन-सा विभाग?

Riya Kumari

  • August 14, 2022 5:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई : लंबे इंतज़ार के बाद अब महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा कर दिया है. रविवार को शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में हर मंत्री को उसका विभाग मिल गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को PWD और शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हिस्से गृह और वित्त मंत्रालय का जिम्मा आया है.

सीएम के हाथ में इन विभागों की कमान

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सामान्य प्रशासन, शहरी विकास, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, सूचना एवं जनसंपर्क, लोक निर्माण (सार्वजनिक परियोजनाएं), परिवहन, विपणन, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता, राहत एवं पुनर्वास, आपदा प्रबंधन, मृदा एवं जल संरक्षण, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, अल्पसंख्यक और वक्फ के अलावा अन्य कई विभाग किसी मंत्री को नहीं दिए हैं. इन सभी विभागों को फिलहाल सीएम शिंदे ही देखने वाले हैं.

उपमुख्यमंत्री देखेंगे ये विभाग

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हिस्से गृह, वित्त और योजना, कानून और न्याय, जल संसाधन और लाभ क्षेत्र विकास, आवास, ऊर्जा और शाही सौजन्य विभागों की जिम्मेदारी आई है. वहीं चंद्रकांत पाटिल को उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग मिला है. सुधीर मुनगंटीवार के हिस्से वन विभाग की जिम्मेदारी आई है. बता दें, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मंजूरी मिलने के बाद विभागों के बंटवारे की घोषणा की गई.

बता दें कि 9 अगस्त को शिंदे कैबिनेट में कुल 18 मंत्रियों ने शपथ ली थी, इन मंत्रियों में से बीजेपी कोटे से 9 और शिंदे गुट से 9 मंत्री थे. महाराष्ट्र मंत्री परिषद के सदस्यों की संख्या 20 है. वहीं इस कैबिनेट विस्तार में कोई भी महिला नेता मंत्री नहीं है. शिंदे कैबिनेट में मराठा और ओबीसी समुदाय के नेताओं को ख़ास तवज्जो दी गई है. हालांकि ब्राह्मण, मुस्लिम, दलित और आदिवासी समुदाय को भी इस कैबिनेट में जगह मिली है. जिसके साथ शिंदे गुट ने अपने इस कैबिनेट को एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की कोशिश की है.

 

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