नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्धाटन 28 मई को होना है। इससे पहले ही आप, TMC समेत अन्य मुख्य विपक्षी दलों ने उद्धाटन समारोह का बहिष्कार करना शुरू कर दिया हैं। इस बीच जनता दल यूनाइटेड और लालू-तेजस्वी यादव के बाद उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजावादी पार्टी ने भी संसद के उद्घाटन […]
नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्धाटन 28 मई को होना है। इससे पहले ही आप, TMC समेत अन्य मुख्य विपक्षी दलों ने उद्धाटन समारोह का बहिष्कार करना शुरू कर दिया हैं। इस बीच जनता दल यूनाइटेड और लालू-तेजस्वी यादव के बाद उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजावादी पार्टी ने भी संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से इंकार कर दिया है।
बता दें, इससे पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और आप के अलावा सीपीएम और सीपीआई उद्धाटन समारोह का बॉयकॉट करने का ऐलान कर चुकी है। ये सारी पार्टियां संसद की प्रमुख और देश की राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू के हाथों नए भवन के उद्धाटन की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले संसद के उद्धाटन समारोह को लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि, संसद भवन के उद्धाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू जी को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है। यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। पीएम मोदी की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नही करने के विरोध में आम आदमी पार्टी उद्धाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी।
वहीं लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि, टीएमसी 28 मई को नए संसद भवन के उद्धाटन का बहिष्कार करेगी। राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्विटर पर लिखा कि, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। प्रधानमंत्री मोदी शायद यह नहीं समझते। उनके लिए रविवार को नई इमारत का उद्धाटन ‘मैं, मेरा और मेरे लिए’ से ज्यादा कुछ नहीं है। इसलिए हमें इससे बाहर ही समझें। भाकपा महासचिवडी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी समारोह में शामिल नहीं होगी।