पटना। बिहार में जातिगत जनगणना को पटना उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। आज पटना हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार को बड़ी राहत देते हुए जाति आधारित सर्वे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस बीच कोर्ट के फैसले का राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने स्वागत […]
पटना। बिहार में जातिगत जनगणना को पटना उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। आज पटना हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार को बड़ी राहत देते हुए जाति आधारित सर्वे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस बीच कोर्ट के फैसले का राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने स्वागत किया है।
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने आज इस मामले पर अपना फैसला सुनाया। बता दें कि 17 अप्रैल को इस मामले पर पहली बार हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसके बाद 4 मई को कोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी थी।
जाति आधारित जनगणना पर रोक लगाने के लिए दायर की गई याचिकाओं में कहा गया था कि इससे जनता के निजता के अधिकार को उल्लंघन होगा। राज्य सरकार सर्वेक्षण के नाम पर जाति आधारित जनगणना कर रही है जो इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने इस गणना को करवाने का उद्देश्य नहीं बताया है, इससे लोगों की संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग होने की संभावना है।