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20 साल के लक्ष्य सेन ने भारत के नाम किया 20वा स्वर्ण

नई दिल्ली, मैंस सिंगल्स बैडमिंटन के मुकाबले में लक्ष्य सेन ने स्वर्ण पदक हासिल कर लिया है. इस मैच में उनका मुकाबले मलेशिया के यॉन्ग के साथ था, लेकिन उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 20वा स्वर्ण पदक भारत के नाम किया है. फाइनल में लक्ष्य सेन की शुरुआत खराब थी, वो पहला ही गेंद 19-21 […]

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20 साल के लक्ष्य सेन ने भारत के नाम किया 20वा स्वर्ण
  • August 8, 2022 4:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, मैंस सिंगल्स बैडमिंटन के मुकाबले में लक्ष्य सेन ने स्वर्ण पदक हासिल कर लिया है. इस मैच में उनका मुकाबले मलेशिया के यॉन्ग के साथ था, लेकिन उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 20वा स्वर्ण पदक भारत के नाम किया है. फाइनल में लक्ष्य सेन की शुरुआत खराब थी, वो पहला ही गेंद 19-21 के करीबी अंतर से गंवा बैठे. दूसरे गेम में भी वो 6-8 से पीछे चल रहे थे लेकिन इसके बाद लक्ष्य ने कमाल का खेल दिखाते हुए दूसरा गेम 21-19 से जीत लिया. तीसरे गेम में फिर सेन ने मलेशियाई खिलाड़ी पर दबाव बनाया और अंत में जीत सेन को ही मिली. सेन ने तीसरा गेम 21-16 से जीतकर स्वर्ण अपने नाम किया.

पीएम मोदी को खिलाई थी उत्तराखंड की मिठाई

लक्ष्य पीएम मोदी को अल्मोड़ा की फेमस बाल मिठाई खिला चुके हैं। उन्होंने पिछली बार गोल्ड कोस्ट खेलों में मिश्रित टीम का गोल्ड मेडल जीता था और तब सेन ने इसे टेलीविजन पर भी देखा था। सेन ने कहा था ‘पिछली बार जब भारत ने गोल्ड जीता था तो मैंने उसे टीवी पर देखा था। इससे पहले मैंने (पारुपल्ली) कश्यप भैया को 2014 में स्वर्ण पदक जीतते हुए टीवी पर देखा था। लेकिन 2018 में मैं टीम का हिस्सा बनना चाहता था।’

इग्लैंड आठ खिताब जीतकर सबसे सफल टीम में से एक है जबकि पांच बार का चैंपियन मलेशिया ने 1998 से 2014 के बीच अपना दबदबा बना रखा था। भारत ने पिछली बार मलेशिया को हराकर जीत हासिल की थी।

पिछले छह महीने से बना रखा है दबदबा

पिछले छह महीने से शानदार फॉर्म में चल रहे सेन ने दिसंबर 2021 में विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद जनवरी में इंडिया ओपन सुपर 500 खिताब जीता और पिछले सप्ताह जर्मन ओपन में उपविजेता भी रहे। सेन ने छह साल पहले इंडिया इंटरनेशनल सीरिज में ली को भी हराया था। उन्होंने शानदार तकनीक और मानसिक दृढता का परिचय देते हुए इतिहास रचा है। दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के खेल को अच्छे से जानते हैं क्योंकि बेंगलुरू में 2016 में प्रकाश पादुकोण अकादमी में एक्सचेंज कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं। वह पिछले 21 वर्षों में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी रह चुके हैं। अल्मोड़ा का 20 वर्षीय खिलाड़ी कॉमनवेल्थ में खूब अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

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