New Parliament, नई दिल्ली। भारत की नई संसद भवन का उद्धाटन 28 मई को होने जा रहा है। इसी बीच विपक्ष ने नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति के द्वारा कराने की मांग रखी है। जिसके विरोध में कई विपक्षी पार्टियों ने उद्धाटन समारोह में शामिल होने से भी मना कर दिया है। राजनीति से […]
New Parliament, नई दिल्ली। भारत की नई संसद भवन का उद्धाटन 28 मई को होने जा रहा है। इसी बीच विपक्ष ने नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति के द्वारा कराने की मांग रखी है। जिसके विरोध में कई विपक्षी पार्टियों ने उद्धाटन समारोह में शामिल होने से भी मना कर दिया है। राजनीति से अलग नए संसद भवन को लेकर जिस चीज की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो इसका डिजाइन। बता दें, इस नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल है, जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चलते विपक्ष के निशाने पर भी रहे हैं। सियासी गलियारों में बिमल पटेल को मोदी का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है।
बिमल पटेल अहमदाबाद के रहने वाले है। पटेल एचसीपी नाम से कंस्ट्रकशन करने वाली कंपनी के निदेशक भी है। पटेल ने साल 1984 मे शहर के सीईपीटी से आर्किटेक्चर में डिप्लोमा हासिल किया था। इसके अलावा पटेल इस कंपनी के चैयरमैन और एमडी भी है। पटेल की शुरुआती शिक्षा की बात कि जाए तो इन्होंने साल 1988 में मास्टर्स इन सिटी प्लानिंग की डिग्री हासिल की। 1995 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से उन्हें सिटी एंड रीजनल प्लानिंग में पीएचडी से नवाजा गया। इसके अलावा 1996 में उन्होंने एनवायरमेंटल प्लानिंग कॉलेबोरेटिव यानी EPC की स्थापना की थी। पटेल को साल 2019 में पद्मश्री के पद से भी नवाजा जा चुका है।
नई संसद के भवन के अलावा बिमल पटेल ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट, पुरी में जगन्नाथ मंदिर की मास्टर प्लानिंग जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में मुख्य आर्किटेक्ट के तौर पर काम किया है। साथ ही उन्होंने गुजरात में भी कई बड़े शहरी कार्य को अंजाम दिया है।
बता दें, अक्सर पटेल पर पीएम मोदी के आर्किटेक्ट होने का आरोप विपक्ष द्वारा लगाया जाता है। कहा जाता है कि साबरमती रिवरफ्रंट के काम से खुश होकर पटेल को कांकरिया लेक का जिम्मा भी सौंपा गया था। साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यालय संभालने के बाद उन्हें काशी विश्वनाथ धाम तैयार करने की जिम्मेदारी मिली। खास बात है कि अहमदाबाद के गांधी आश्रम के पुनर्विकास का काम पटेल को ही सौंपा गया था।