Biparjoy cyclone, Inkhabar। गुजरात के तटों की तरफ बढ़ रहा चक्रवात बिपरजॉय (Biparjoy cyclone) आज बेहद खतरनाक रूप ले चुका है। तूफान के शाम चार से रात आठ बजे के बीच कच्छ के जखाऊ में टकराने की आशंका है। मौसम विभाग ने बिपरजॉय (Biparjoy cyclone) तूफान से भारी तबाही होने की चेतावनी दी है। इसके अलावा तूफान के चलते कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया है।
बिपरजॉय (Biparjoy cyclone) के कारण इन दोनों जिलों में सबसे ज्यादा तबाही होने की आशंका जताई गई है। वहीं तूफान से निपटने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ( NDRF) की 33 टीमों को तैनात किया गया है, तूफान से होने वाली तबाही को देखते हुए केंद्र सरकार ने सेना को भी तैयार रहने को कहा है। इस बीच आपको बिपरजॉय नाम को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देते हैं।
बिपरजॉय तूफान का नाम बांग्लादेश ने रखा है। ये एक बंगाली शब्द है जिसका अर्थ होता है “आपदा”। बता दें, सभी देशों को किसी भी तूफान का नाम रखने के लिए बारी-बारी से मौका दिया जाता है। इसके लिए कुछ नियम भी बने हुए हैं। इस समय दुनिया भर में 6 रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स हैं। जबकि 5 रीजनल ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निंग सेंटर्स हैं। इन्हीं रीजनल सेंटर को तूफान से जुड़ी एडवाइजरी जारी करने और तूफान का नाम रखने का अधिकार प्राप्त है। कोई देश तूफानों का नाम तभी रख सकता है जब ये चक्रवाती तूफान उसके समुद्री क्षेत्र में बन रहा हो।
इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट दुनिया के 6 रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स में से एक है, जो 13 देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान से जुड़ी एडवाइजरी जारी करता है। इन देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, ईरान, मालदीप, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं।
जो देश चक्रवाती और उष्णकटिबंधीय तूफान का नाम रख रहा है, उसे कई नियम भी फॉलो करने होते हैं। जैसे तूफान का नाम पूरी तरह न्यूट्रल होना चाहिए। तूफान का नाम किसी भी राजनीति या राजनीतिक विचारधारा से मिलता हुआ नहीं होना चाहिए, धार्मिक, संस्कृति, लिंग से उसका किसी तरह का जुड़ाव नहीं होना चाहिए। तूफान का नाम ऐसा होना चाहिए जो दुनिया की किसी भी आबादी अथवा देश को किसी भी तरह से आहत ना करें। तूफान का नाम अपमानजनक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा नाम ऐसा होना चाहिए जिसे आसानी से पढ़ा या बोला जा सके। तूफान के नाम की अधिकतम संख्या 8 अक्षर होनी चाहिए।
बता दें भारत को केवल बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लेकर हिंद महासार में बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफानों का नाम देने का अधिकार है। कुल मिलाकर महासागरों में बनने वाले चक्रवातों का नाम वहां के रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स ( RSMC) रख सकते हैं।
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