पटना। यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार की सुबह बिहार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। इसकी जानकारी बेतिया पुलिस के अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने दी है। बता दें, पटना और पश्चिमी चंपारण पुलिस के अलावा आर्थिक अपराध इकाई की 6 टीमें तमिलनडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई संबंधी फर्जी खबर फैलाने के मामले […]
पटना। यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार की सुबह बिहार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। इसकी जानकारी बेतिया पुलिस के अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने दी है। बता दें, पटना और पश्चिमी चंपारण पुलिस के अलावा आर्थिक अपराध इकाई की 6 टीमें तमिलनडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई संबंधी फर्जी खबर फैलाने के मामले में लंबे समय से मनीष कश्यप की तलाश कर रही थी। तलाशी के दौरान टीम ने मनीश के कई ठिकानों पर दबिश भी की थी।
लंबी तलाश करने के बाद भी जब मनीष कश्यप नहीं मिला तो शनिवार की सुबह पुलिस प्रशासन की टीमें मझौलिया थाना स्थित महना डुमरी गांव में मनीष कश्यप के घर की कुर्की जब्ती करने पहुंची। इसके बाद मनीष ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में पुलिस के सामने आत्मसर्पण कर दिया।
इससे पहले गुरुवार को ही बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप के खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी वारंट ले लिया था। वारंट जारी होते ही यूट्यूबर के पटना, दिल्ली समेत संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही थी। इसके अलावा बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज कर दिया था।
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण के डुमरी महनवा गांव में हुआ है। मनीष खुद को सन ऑफ बिहार लिखता है। इसके अलावा मनीष का नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है। मनीष की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई थी। उसने साल 2009 में 12वीं पास की। इसके बाद महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से उच्च शिक्षा पूरी हुई। मनीष ने साल 2016 में पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर वीडियो बनाने लगा।
6 मार्च को बिहार की राजधानी पटना के जक्कनपुर इलाके में तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूरों का एक फर्जी वीडियो बनाकर वायरल किया गया था। वीडियो में तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूरों की पिटते हुए दिखाया गया था। इस मामले में पुलिस ने राकेश रंजन और 2 लोगों पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने बताया कि राकेश ने अपने दो साथियों को फर्जी मजदूर बनाकर वीडियो बनाया था, जिसे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दावा किया गया था कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ हमले हो रहे हैं। इन वीडियो को सच मानकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और डीजीपी को मामले की जांच के आदेश दिए। जिसके बाद इस मामले में केस दर्ज कर 4 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। जहां पर मामले की पड़ताल की गई। इसमें पता चला कि सोशल मीडिया पर जितने भी खबरें और वीडियो चल रहे है, वह सभी फर्जी हैं। तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ है।
FIR दर्ज होने के बाद मनीष कश्यप ने एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में मनीष ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने इस वीडियो में कहा था कि अखबार की खबर, विधानसभा में हंगामा, मजदूरों के बयान और वायरल वीडियो को साक्ष्य नहीं मान सकते तो क्या तेजस्वी यादव की बात को साक्ष्य मानेंगे? तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने आगे कहा था कि वो विपक्ष में रहते हुए पुलिस के खिलाफ क्या-क्या कहां करते थे? उन्होंने आगे आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पड़े छापे से ध्यान भटकाने के लिए ही हमारे ऊपर FIR दर्ज हुई है। बता दें, मनीष कश्यप के खिलाफ धारा 153/153 (ए)/153 (बी)/ 505(1)(बी)/ 505 (1)(सी) 468/471/120(बी) और आईटी एक्ट 2000 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इससे पहले कारवाई करते हुए बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के चार बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए थे। उसके एसबीआई के खाते में 3,37,496 रुपए, आईडीएफसी बैंक के खाते में 51,069 रुपए, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 रुपए और SACHTAK Foundation के एचडीएफसी बैंक के खाते में 34,85,909 रुपए जमा हैं। बैंक खाते सीज होने के बाद भी मनीष कश्यप ने सरेंडर नहीं किया था।
जिसके बाद पुलिस के कई पदाधिकारी शनिवार सुबह करीब पांच बजे मनीष कश्यप के घर महानवा पहुंचे। वहां जाकर उन्होंने कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी। चंपारण रेंज के डीआईजी जयंत कांत, एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा की उपस्थिति में पुलिस ने मनीष कश्यप के घर के एक-एक सामान को जब्त कर लिया। पुलिस उसके घर के दरवाजे और खिड़कियां तक उखाड़ ले गई। इस दौरान मौके पर लोगों की भारी भीड़ लगने लगी। सारा सामान ट्रैक्टर पर लोड कर मझौलिया थाना में लाया गया है। इधर जैसे ही मनीष कश्यप को कुर्की की जानकारी मिली उसने जगदीशपुर ओपी में सरेंडर कर दिया।