तिरुवनन्तपुरम। केरल के मलप्पुरम जिले में रविवार शाम एक हाउसबोट पलट गई थी। इस हादसे को लेकर केरल उच्च न्यायालय की टिप्पणी आई है। बता दें, कोर्ट ने इस दुर्घटना को चौंकाने वाला और भयावह बताया है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले की सच्चाई को जानने के लिए खुद ही एक जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट का कहना है कि अधिकारियों ने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन करके जहाज को चलाने की अनुमति क्यों दी थी, इसका पता लगाना जरूरी है।
मामले को लेकर न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और शोभा अन्नम्मा एपेन की पीठ ने कहा कि बच्चों के शरीर को देखकर दिल कांप गया। उनके दिल से खून बह रहा था और शवों को देखकर रातों को नींद नहीं आई है। पीठ ने कहा कि ये दुर्घटना कोई सामान्य हादसा नहीं है।
न्यायमूर्ति ने कहा कि, ये घटना कठोरता, लालच और आधिकारिक उदासीनता के चलते हुई है। ऐसा हादसा फिर न हो इसके लिए सच सामने आना जरुरी है। इसलिए याचिका दायर की गई है। साथ ही पीठ ने क्षेत्र के प्रभारी बंदरगाह अधिकारी से जानकारी मांगी है। बता दें, रविवार को Kerala के मलप्पुरम जिले के तनूर इलाके में थूवलथीरम समुद्र तट के पास एक हाउसबोट पलट गई। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी।
Kerala में हुई घटना को लेकर पीएम मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि Kerala के मलप्पुरम में नाव दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। इसके अलावा पीएम ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान करने की भी घोषणा की है।
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