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केवल नाम बताओ, फिर मारने का काम हमारा, चीन के नए फरमान से हड़कप

चीनी प्रशासन ने फरमान जारी किया है कि ताइवान का कोई भी व्यक्ति अगर उत्पीड़न का शिकार होता है या उससे जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी है, तो वह इस नए चैनल के जरिये रिपोर्ट कर सकता है.

China
inkhbar News
  • March 27, 2025 1:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

नई दिल्ली : बीजिंग ने ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए एक नया टिप- ऑफ चैनल शुरू किया है. जिसके वजह से ताइवान में हड़कंप मच गया है. चीन की सरकार ने आम जनता से अपील किया है कि वह उन सभी लोगों की जानकारी दे जो भी ताइवान की आजादी का समर्थन कर रहे है. या जो भी चीन की मुख्यभूमि से एकीकरण की आवाज उठाने वालों को दबाने में शामिल हैं. बता दें चीन के इस फैसले को ताइवान के खिलाफ सख्ती बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है.

चीन ने ताइवान की शासक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) पर आरोप लगाया है कि वह लोगों को दबा रही है और उन पर अत्याचार कर रही है. 26 मार्च यानी बुधवार को चीन के स्टेट काउंसिल के ताइवान अफेयर्स ऑफिस ने टिप- ऑफ चैनल की घोषणा करते हुए फरमान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि ताइवान के कुछ नेता, सरकारी अधिकारी और सोशल मीडिया पर सक्रिय कुछ प्रभावशाली लोग ‘गुंडों’ की तरह काम कर रहे हैं और डीपीपी को उसके अपराधों में मदद कर रहे हैं.

चैनल के जरिये रिपोर्ट दें

चीनी प्रशासन ने कहा कि अगर ताइवान का कोई भी व्यक्ति इस तरह के उत्पीड़न का शिकार होता है. उसके पास किसी भी तरह की कोई जानकारी है. तो वह इस नए चैनल के जरिये बता सकता है. बीजिंग ने यह भी विश्वास दिलाया है कि जो भी व्यक्ति शिकायत करेंगा उसकी पहचान गुप्त रखा जाएगा साथ ही दोषियों पर कानूनी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि आरोपियों कैसे सजा दी जाएगी.

ताइवान बढ़ने लगी चिंता

चीन के इस फरमान के बाद से चिंता बढ़ गई. अब बीजिंग न केवल ताइवान में, बल्कि विदेशों में भी ताइवान के स्वतंत्रता समर्थकों पर दबाव डालने की कोशिश करेगा. इतना ही नहीं बीजिंग ने पहले भी ताइवान के प्रमुख व्यापारियों और नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं इसके अलावा उनके ‘विभाजनकारी गतिविधियों’ के आरोप में निशाना बनाया.

चीन ने हमेशा कहा है कि ताइवान उनका हिस्सा है. और वह अपने हिस्से को किसी भी हाल में मिलाना चाहते है. इसके लिए उन्हें किसी भी हद तक क्यों न गुजरना पड़े. बता दें इसके बावजूद ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र कहता है. चीन का यह फरमान ताइवान की सरकार के लिए चुनौती बन सकता है, क्योंकि ताइवान के कई नागरिक और प्रभावशाली लोग चीन की आलोचना करते हैं और स्वतंत्रता और लोकतंत्र की बात करते हैं. इस फरमान से यह साफ होता है कि चीन का मकसद केवल ताइवान पर दबाव डालना नहीं, बल्कि पूरी दुनिया जो भी ताइवान की स्वतंत्रता की बात करता है उनको डराना है.

 

 

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