September 8, 2024
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टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को उम्रकैद की सज़ा

नई दिल्ली, प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है. इसके साथ ही मलिक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. दिल्ली की NIA कोर्ट ने सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रखा था, बताया जा रहा है कि NIA ने यासीन मलिक को फांसी की सज़ा देने की मांग की था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें फांसी की बजाय उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. बता दें सजा के ऐलान से पहले कोर्टरूम के बाहर कड़ी सुरक्षा कर दी गई थी.

यासीन मलिक के वकील के मुताबिक मलिक के पास 11 कनाल यानी तकरीबन 5564 वर्ग मीटर जमीन है, जो उनकी पुश्तैनी ज़मीन बताई जा रही है. इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में मलिक को दोषी ठहराया था. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल भी किया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था.

19 मई को ठहराया था दोषी

बता दें कि इससे पहले 19 मई को एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी ठहराया था. 10 मई को मलिक ने खुद अदालत में स्वीकार किया था कि वो खुद पर लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है। बताया जा रहा है कि उसने अपना जुर्म भी खुद कबूल लिया था, फिलहाल मलिक इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.

आर्थिक स्थिति पता करे NIA -कोर्ट

बता दें कि टेरर फंडिंग मामले पर सुनवाई करते हुए 19 मई को कोर्ट ने एनआईए को कहा कि वो यासीन मलिक की आर्थिक स्थिति के बारे में पता करे. कोर्ट ने साथ में यासीन मलिक को भी अपनी संपत्ति के बारे में एफिडेविट देने को कहा था.

यूएपीए के तहत कई मामले दर्ज

आतंकवादी गतिविधि- धारा 16
आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना- धारा 17
आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना- धारा 18
आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना- धारा 20

भारतीय दंड संहिता

बी आपराधिक साजिश- धारा 120
ए देशद्रोह- धारा 120
हिंसा से जुड़ा है मामला- धारा 120

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