Farmers Protest: पंजाब के मोहाली में नए एयरपोर्ट चौक के पास लंबे समय से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उनके साथ-साथ सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा और अन्य प्रमुख किसान नेताओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. यह कार्रवाई सरकार की उस रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है जिसके तहत शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान प्रदर्शन को समाप्त करने की तैयारी की जा रही है. ये नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर अडे़ हैं.
किसानों और सरकार के बीच सातवां दौर की वार्ता
बुधवार 19 मार्च 2025 को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की वार्ता हुई. इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे. पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने हिस्सा लिया. बैठक में MSP की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में स्थिरता, पुलिस केस वापसी और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा ‘बातचीत सकारात्मक रही अगली बैठक 4 मई को होगी.’
मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर झड़प
पंजाब पुलिस ने मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर (एयरपोर्ट रोड) पर डल्लेवाल और अन्य नेताओं को हिरासत में लिया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प की खबरें सामने आईं. बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई और प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की गई. जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. जिससे संचार व्यवस्था प्रभावित हुई. सरकार का यह कदम प्रदर्शन को खत्म करने की दिशा में एक ठोस प्रयास माना जा रहा है.
किसानों की मांगें
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कह ‘हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों का ठोस समाधान निकालेगी.’ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में हिस्सा लिया. जगजीत सिंह डल्लेवाल एंबुलेंस से बैठक स्थल पहुंचे थे और उन्होंने कहा ‘हम MSP की कानूनी गारंटी के लिए स्पष्ट जवाब चाहते हैं.’ किसानों की अन्य मांगों में 2020-21 के आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली और लखीमपुर खीरी हिंसा के दोषियों को सजा शामिल है.
MSP पर पहले भी हुई बहस
22 फरवरी को हुई पिछली बैठक में सरकार ने MSP की कानूनी गारंटी के लिए डेटा मांगा था. किसानों का अनुमान है कि इसके लिए सालाना 25,000-30,000 करोड़ रुपये का बजट चाहिए. तब से यह मुद्दा अनसुलझा है. 13 फरवरी 2024 को शुरू हुए ‘दिल्ली चलो’ मार्च को पुलिस ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर रोक दिया था जिसके बाद से किसान शंभू और खनौरी पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे. सरकार की हिरासत कार्रवाई और बॉर्डर खाली करने की रणनीति ने आंदोलन को नया मोड़ दे दिया है.
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