नोए़़डा। यूफ्लेक्स कंपनी पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। करीब दस राज्यों में कंपनी से जुड़े 80 ठिकानों पर बुधवार को आयकर ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। जांच में अब तक करीब 177 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी पकड़ी जा चुकी है, जबकि 100 करोड़ से अधिक के लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज […]
नोए़़डा। यूफ्लेक्स कंपनी पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। करीब दस राज्यों में कंपनी से जुड़े 80 ठिकानों पर बुधवार को आयकर ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। जांच में अब तक करीब 177 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी पकड़ी जा चुकी है, जबकि 100 करोड़ से अधिक के लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसके अलावा आयकर की टीम ने नोएडा और दिल्ली के ठिकानों से 1.5 करोड़ नकद जब्त किए गए है, साथ ही 15 बैंक लॉकर सीज कर दिए गए हैं।
आयकर विभाग की टीमों ने मंगलवार सुबह करीब पांच बजे कंपनी से जुड़े परिसरों और अधिकारियों के घरों पर एक साथ छापा मारा, जिसमें नोएडा के 32 और दिल्ली के 16 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। बुधवार को नोएडा, दिल्ली, हरिद्वार और ग्वालियर में छह अतिरिक्त स्थानों पर छापे मारे गए है। बरामद दस्तावेज के आधार पर जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नोएडा और दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों पर चल रही जांच के दौरान 1.5 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए हैं। सेक्टर- 57 और सेक्टर-4 सहित जम्मू स्थित फैक्ट्री परिसर से 100 करोड़ रुपए से अधिक टैक्स की हेराफेरी से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं।
आयकर विभाग के 750 से अधिक कर्मचारियों – अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। बता दें, जांच जितनी आगे बढ़ रही है, इसके दायरे में अन्य लोग भी आ रहे हैं। 100 करोड़ सुपए से ज्यादा हेराफेरी के दस्तावेज की अभी जांच जारी है। बताया जा रहा है टैक्स में गड़बड़ी का आंकड़ा 500 करोड़ तक पहुंच सकता हैं।
आयकर विभाग की टीम को जांच के दौरान 10 से अधिक शेल कंपनियों से जुड़ी जानकारी मिली है। इन शेल कंपनियों के जरिए ऐसे लोगों के नाम का प्रयोग कर पैसा ट्रांसफर किया गया जो आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते है, टीम को करीब ऐसे 20 बैंक खाते मिले हैं, जिनके जरिए 5 से लेकर 50 करोड़ रुपए के लेन-दने किए गए है।
यूफ्लेक्स कंपीन की बात की जाए तो इनकी स्थापना 1985 में हुई थी। यूफ्लेक्स भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल पैकेजिंग और सॉल्यूशन कंपनी है, इसकी स्थापना व्यापारी अशोक चुतर्वेदी ने की थी, वर्तमान में वह कंपनी के चैयरमैन भी है। पिछले तीन दशक से कंपनी देश के साथ- साथ विदेशों में भी बड़ा निवेश कर रही है। इसके अलावा कंपनी खुद को विश्वस्तरीय पैकेजिंग करने का भी दावा करती है।