नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अब कट्टरपंथियों की बोलबाला बढ़ता जा रहा है. देश की अंतरिम सरकार कट्टरपंथियों को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रही है. इस बीच इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. कट्टरपंथियों का कहना है कि […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अब कट्टरपंथियों की बोलबाला बढ़ता जा रहा है. देश की अंतरिम सरकार कट्टरपंथियों को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रही है. इस बीच इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. कट्टरपंथियों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू संगठन इस्कॉन की कोई जगह नहीं है.
वहीं, बांग्लादेश की सरकार ने बुधवार को इस्कॉन को लेकर बड़ा बयान दिया. सरकार ने कहा कि इस्कॉन एक धार्मिक रुढ़िवादी संगठन है. सरकार इस संगठन की जांच कर रही है. बता दें कि इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों की हौसले बुलंद हैं. कट्टरपंथी अब इस्कॉन मंदिर को ही बैन करने की मांग करने लगे हैं.
बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल ने हाईकोर्ट में बताया कि इस्कॉन कोई राजनीतिक सगंठन नहीं है. यह एक धार्मिक रुढ़िवादी संगठन है. बांग्लादेशी सरकार पहले से ही इस्कॉन की बड़े स्तर पर जांच कर रही है. कोर्ट के सुनवाई से इतर इस्कॉन ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में इस्कॉन ने कहा है कि बांग्लादेश हमारे कई पूर्वजों का घर है. यह हमारा जन्मस्थान है और हमें बांग्लादेश का नागरिक होने पर काफी गर्व है.