लखनऊ, InKhabar Interview । उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की कुंडा नगर पंचायत सीट हमेशा से चर्चा का विषय रहती है, जिसका कारण है रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया। बता दें, राजा भैया इन दिनों यूपी निकाय चुनावों में अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रचार करना भी शुरू कर दिया है।
इन चुनावों में कुंडा सीट से जहां भाजपा ने डॉ सुमन शाहू को मैदान में उतारा है, तो वहीं सपा की तरफ से गुलशन यादव की पत्नी सीमा यादव चुनाव लड़ रही है। ऐसे में बदलती हुई परिस्थितियों को देखते हुए राजा भैया ने इस बार ब्राह्राण चेहरे पर भरोसा करते हुए बसपा से अध्यक्ष रहे शिवकुमार तिवारी की पत्नी उषा तिवारी को मैदान में उतारा है, जिनके लिए राजा भैया ने चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा जनसत्ता पार्टी हीरागंज और डेरवा सीट से भी अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ा रही हैं। इस बीच इनखबर की टीम आने वाले चुनावों को लेकर राजा भैया और उनकी पार्टी की क्या तैयारी है इसकी हकीकत जानने के लिए कुंडा विधानसभा क्षेत्र में पहुंची। इस दौरान इनखबर के मैनेंजिग एडिटर विद्या शंकर तिवारी ने राजा भैया से निकाय चुनावों के साथ ही कई अन्य मुद्दों पर भी उनसे बात की। जानिए उन्होंने क्या कहा –
इस दौरान इनखबर के मैनेजिंग एडिटर विद्या शंकर तिवारी ने सबसे पहले आने वाले निकाय चुनावों की तैयारी के बारे में उनसे सवाल किया तो उनका कहना था कि, अभी तक की राजनीति सफर में हमें काफी ज्यादा अनुभवी साथी मिले हैं। जिसके चलते आने वाले नगर निकाय चुनावों में डेरवा, हीरागंज और कुंडा सीट से हमारे द्वारा तीन प्रत्याशी उतारे गए हैं। जो काफी ज्यादा अनुभवी और भरोसेमंद है। इसके अलावा जनता द्वारा भी हमारे तीनों प्रत्याशियों को भरपूर प्यार मिल रहा है। इसलिए हमें पूरी उम्मीद है आने वाले निकाय चुनावों में जनसत्ता दल के प्रत्याशी ही जीतेंगे।
जब राजा भैया से सवाल किया गया कि पिछले विधानसभा चुनावों में सपा के ही प्रत्याशी गुलशन यादव ने उन्हें कड़ी चुनौती दी थी तो ये चुनाव उनकी प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है ? तो उन्होंने इसका काफी गोलमोल जवाब दिया उनका कहना था कि, इस समय राज्य में दो राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों कांग्रेस और बसपा से बड़ा विधानमंडल हम लोगों के पास है,और ऐसा इस दौरान है जब हमारा किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं है।
इसके अलावा जिला पंचायत के अध्यक्ष हो या अनेक ब्लॉक प्रमुख सभी जनसत्ता दल के बने हुए हैं। ऐसे में जब किसी पार्टी की जीत होती है तो उसके ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां भी आती है, और इन जिम्मेदारियों को आपने कैसे पूरा किया इसका जवाब आने वाले चुनावों में जनता जरूर देती है। तो इस आधार पर मैं कहना चाहूंगा कि आने वाले चुनावों में भी जनता का आर्शीवाद हमेशा हमारे साथ रहेगा।
इसके अलावा पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनावों में भी जिस तरह मतों का धुव्रीकरण देखने को मिला था। आज से पहले ऐसा धुव्रीकरण कभी नहीं देखा गया था, इससे पहले या तो भाजपा और उसके सहयोगी दल नहीं तो सपा उसके सहयोगी दल चुनावों में जीत हासिल कर लेते थे। लेकिन पिछले चुनावों में 403 सीटों में से 5 सीटें ऐसी थी, जिनमें इन पार्टीयों को टक्कर मिली थी जिसमें से 2 सीटें जनसत्ता दल 2 कांग्रेस और 1 बसपा ने जीती थी।
इसके अलावा यूपी की विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ कि कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा में नहीं पहुंचा है। तो हमारे लिए कोई भी चुनाव छोटा या बड़ा नहीं होता हम हर चुनाव में ये ही मान कर चलते है कि ये चुनाव राजा भैया लड़ रहे है। फिलहाल आने वाले निकाय चुनावों में हमारा मुकाबला किसी के साथ नहीं है, इन तीनों सीटों में जनसत्ता पार्टी के नेता ही जीत कर आएंगे।
इनखबर के मैनेजिंग एडिटर विद्या शंकर तिवारी ने जब राजा भैया से उनके नामों के संबोधनों को लेकर खासकर कुंडा के गुंडा बुलाए जाने को लेकर पूछा तो उनका कहना था कि, इस नाम का जिक्र हमने काफी कम सुना है एक बार कल्याण सिंह जी जब यहां आए थे तो उन्होंने रामचरितमानस के दोहे के जरिए कुछ शब्द बोले थे। जिसकी गलतफहमी लोगों को हो गई थी कि इन शब्दों का प्रयोग मेरे लिए किया गया है। बाद में जाकर जब हम चुनाव जीत कर उनके पास गए तो उन्होंने ऐसे किसी नाम का इस्तेमाल मेरे ऊपर किए जाने से साफ मना किया था। इसके अलावा चुनाव जीतने की खुशी में उन्होंने हम लोगों को मिठाई भी खिलाई थी।
जब हमने उनसे आगे आने वाले लोकसभा चुनावों के अलावा आगे जाकर जनसत्ता पार्टी के विस्तार की योजना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, राज्यों में अक्सर पार्टियों का गठन दो तरह से होता या तो पार्टी के नेता किसी बड़ी पार्टी से नाराज होकर अपने दल का निर्माण कर लेते हैं या फिर एक प्रत्याशी क्षेत्र या जाति के आधार पर वोट इकट्ठा करके अन्य पार्टियों में खुद को शामिल करने के लिए बोलता है। लेकिन हमारे साथ ये दोनों ही चीजें नहीं हुई है।
हम तो 6 बार निर्दलीय चुनाव जीतकर आ चुके है, इसके अलावा अब राजनीति में आए हुए हमें 25 साल हो चुके हैं, तो अन्य लोगों ने हमें राय दी की कब तक निर्दलीय चुनाव लड़ते रहेंगे इसके बाद हमारे पास दो ही योजनाएं थी या तो अन्य दल में जाकर मिल जाए या खुद का दल बनाए, तो 80 प्रतिशत से ज्यादा साथियों ने सलाह दी कि आप अपना दल स्थापित कीजिए। इस तरह जनसत्ता दल का गठन किया गया। बात भविष्य की करें तो हर दल ये चाहता है कि उसकी पार्टी और नेता तरक्की करें और उन्नति मिले। ऐसा ही कुछ प्रयास हमारा भी जारी है, खैर भविष्य में क्या करना है इसकी योजना बनाई जा रही है।
जब विद्या शंकर तिवारी ने पूछा कि आने वाले चुनावों में क्या आप भाजपा के साथ हाथ मिलाएंगे तो उनका कहना था कि, फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि हम उनके साथ मिल जाए। लेकिन अगर किसी पार्टी के साथ हमारा एजेंडा मिल जाता है, तो इसके बारे में हम कुछ सोच सकते है। लेकिन फिलहाल ऐसी कोई भी स्थिति बनती हुई नहीं दिख रही।
वहीं जब राजा भैया से उनके ऊपर अक्सर ठाकुरवादी होने के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अक्सर ये आरोप उन लोगों के द्वारा लगाए जाते है जो कुंडा विधानसभा को नहीं जानते हैं। मैं आपको बता दूं हमारी विधानसभा में 3 लाख 80 हजार मतदाता है, और मात्र 10 हजार ठाकुर यहां रहते हैं। तो 1993 से ही हम जितने चुनाव जीते है उनमें हर वर्ग, जाति, धर्म के लोगों का साथ हम लोगों को मिलता रहा है, और हम पूरी तरह से जातिवादी विरोधी है।
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